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म्यांमार : सू की के हाथ में रहेगा नई सरकार का रिमोट

म्यांमार में लोकतंत्र की पहचान बन चुकीं आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की भावी सरकार में कोई औपचारिक पद नहीं लेंगी।

By Sachin BajpaiEdited By: Updated: Tue, 22 Mar 2016 09:06 AM (IST)
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ने पी तॉ, रायटर । म्यांमार में लोकतंत्र की पहचान बन चुकीं आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की भावी सरकार में कोई औपचारिक पद नहीं लेंगी। लेकिन, पार्टी प्रमुख की हैसियत से वे सरकार को नियंत्रित जरूर करेंगी। एनएलडी के प्रवक्ता जा मिंट मौंग ने यह जानकारी दी। सू की की यह भूमिका भारत में संप्रग सरकार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जैसी हो सकती है।

मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संप्रग सरकार के दस साल के दौर में सत्ता के अघोषित सर्वोच्च पद पर सोनिया गांधी काबिज रहीं और सरकार के कामकाज को नियंत्रित करती रहीं। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान सू ने कहा था कि वह सरकार के नेतृत्व को लेकर महात्वाकांक्षी नहीं हैं। उन्होंने सोनिया गांधी जैसी भूमिका भी खुद के लिए ठीक नहीं बताई थी। लेकिन, नतीजों के बाद उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों के कारण राष्ट्रपति नहीं चुने जाने की स्थिति में पर्दे के पीछे से सरकार चलाने की बात कही थी।

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राष्ट्रपति पद के लिए अपने करीबी तिन क्या के नाम पर संसद की मुहर लगाने में वे कामयाब भी हो चुकी हैं। क्या अगले महीने औपचारिक रूप से पद की शपथ लेंगे। मोंग ने बताया कि सरकार में पद लेना उतना महत्वपूर्ण नहीं है जितना बाहर रहकर उसे नियंत्रित करना। अमेरिका में ऐसे बहुत से सांसद हैं, जो प्रशासन में न होते हुए भी उसे नियंत्रित कर रहे हैं।

गौरतलब है कि सू की के नेतृत्व में नवंबर में हुए आम चुनावों में एनएलडी ने जबर्दस्त सफलता हासिल की थी। म्याांमर के संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार नोबेल शांति पुरस्कार विजेता यह नेता राष्ट्रपति नहीं बन सकतीं। प्रावधानों के अनुसार जिस व्यक्ति का पति या बचे विदेशी नागरिक हों वह सवरेच पद पर आसीन नहीं हो सकता। नतीजों के बाद यह प्रावधान हटने की उम्मीद थी। लेकिन, सेना इसके लिए तैयार नहीं हुई। म्यांमार की संसद की एक चौथाई सीटें और अहम मंत्रलय अब भी सेना के ही पास हैं।

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नई कैबिनेट में होंगे 18 मंत्री

म्यांमार की संसद ने सोमवार को क्या की कम मंत्रलयों वाली नई सरकार के गठन की योजना को अपनी अनमुति दे दी। शिन्हुआ के अनुसार क्या के प्रस्ताव को तीन के मुकाबले 611 वोटों से मंजूरी दी गई। 21 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया। क्या ने पहली बार संसद को संबोधित किया। उन्होंने 21 मंत्रलयों व 18 मंत्रियों को लेकर नई सरकार बनाने के अपने प्रस्ताव को स्पष्ट किया। निवर्तमान सरकार में 36 मंत्रलय व 32 मंत्री हैं। क्याव ने कहा कि उनके मंत्रिमंडल का उद्देश्य मात्र की बजाय गुणवत्ता को प्राथमिकता, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का गठन, जनता के पैसे को बचाना है। उन्होंने कहा कि कुछ मंत्रलय हटाने से 50 लाख डॉलर से यादा की राशि बचाई जा सकती है। इस पैसे को उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में इस्तेमाल करने की योजना सामने रखी।