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शांतिपूर्ण इस्‍तेमाल के लिए भारत को यू‍रेनियम की आपूर्ति करेगा नामिबिया

नामिबिया ने भारत को शांतिपूर्ण इस्‍तेमाल के लिए यूरेनियम की सप्‍लाई करने का आश्‍वासन दिया है। साथ ही नामिबिया ने UNSC में भारत की सदस्‍यता का समर्थन किया है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2016 05:00 PM (IST)

विंढोक (नामिबिया)। नामिबिया ने भारत को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल की खातिर यूरेनियम की आपूर्ति करने का आश्वासन दिया है। इसके लिए वह वैधानिक तरीके भी खोजेगा। यह बातें अपनी आधिकारिक यात्रा पर नामिबिया पहुंचे भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के साथ एक विशेष बैठक के दौरान निकलकर सामने आई हैं। नामीबिया के राष्ट्रपति हेग गिनगोब ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के सम्मान में आयोजित राजकीय भोज में कहा कि नामीबिया परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण इस्तेमाल के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की सराहना करता है।

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उन्होंने कहा, हम उन वैधानिक तरीकों को खोजेंगे, जिनके माध्यम से भारत हमारे यूरेनियम का इस्तेमाल कर सके। द हिंदू की खबर के मुताबिक अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे पास संसाधन हैं लेकिन हम उनका प्रयोग नहीं कर सकते क्योंकि हमारे पास परमाणु हथियार नहीं हैं लेकिन ऐसे अन्य देश हैं जो इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। हम वैधानिक तरीकों पर विचार करेंगे।

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भारत के एक पूर्व राजनयिक के साथ बातचीत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह परमाणु भेदभाव है कि मुट्ठीभर कुछ देश परमाणु तकनीक की शर्तों को लेकर तानाशाही करना चाहते हैं। नामीबिया के राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र, आईएमएफ और विश्व बैंक में सुधार पर अपने जोशीले भाषण में कहा कि एक अरब 20 करोड़ लोगों वाले एक देश और एक अरब लोगों वाले एक महाद्वीप को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रतिनिधित्व कैसे नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा, यह कैसे लोकतांत्रिक हो सकता है।

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गिनगोब ने नामीबिया में निवेश के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित करते हुए अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के भारत के प्रस्ताव की सराहना की और कहा कि वह जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने में देश की भूमिका की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, नामीबिया में हम स्वयं को अफ्रीका के प्रवेश द्वार के रूप में देखते हैं। हम दक्षिण अमेरिका के भी काफी निकट हैं जो कि दक्षिण-दक्षिण सहयोग में एक अहम साझीदार हैं। हम अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका में भारतीय कंपनियों के लिए भी प्रवेश द्वार बनने को तैयार हैं।

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मुखर्जी ने कहा, भारत नामीबिया के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने को बहुत महत्व देता है। हम दोनों देश अपने विकासात्मक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए स्थायी प्रयास करते समय निकटता से सहयोग करते रहे हैं।