क्षुद्रग्रह पर अंतरिक्ष यान भेजेगा नासा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब क्षुद्र ग्रहों के रहस्य को सुलझाना चाहता है। इसके लिए उसने अपना एक अंतरिक्ष यान बेन्नु नामक क्षुद्र ग्रह पर भेजने का फैसला किया है। हाल ही में उसने वहां भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यान के डिजाइन को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह यान क्षुद्र ग्रह पर जाकर पहली बार वहां का नमूना एकत्र करने की कोशिश करेगा।
By Edited By: Updated: Fri, 11 Apr 2014 08:53 PM (IST)
वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब क्षुद्र ग्रहों के रहस्य को सुलझाना चाहता है। इसके लिए उसने अपना एक अंतरिक्ष यान बेन्नु नामक क्षुद्र ग्रह पर भेजने का फैसला किया है। हाल ही में उसने वहां भेजे जाने वाले अंतरिक्ष यान के डिजाइन को मंजूरी प्रदान कर दी है। यह यान क्षुद्र ग्रह पर जाकर पहली बार वहां का नमूना एकत्र करने की कोशिश करेगा। यह अंतरिक्ष यान नमूना एकत्र करने के लिए 2018 में क्षुद्रग्रह जाएगा।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ओएसआइआरआइएस-आरईएक्स प्रोग्राम के तहत अंतरिक्षयान के क्रिटिकल डिजाइन रिव्यू [सीडीआर] को मंजूरी दे दी है। वैज्ञानिकों की टीम अब यान, उड़ान उपकरण, नियंत्रण कक्ष और प्रक्षेपण से जुड़े सहायक उपकरणों का निर्माण कार्य शुरू करेगी। ओएसआइआरआइएस-आरईएक्स का प्रक्षेपण वर्ष 2016 में किया जाएगा और यह वर्ष 2018 में बेन्नु क्षुद्रग्रह पर उतरेगा। वहां से नमूने एकत्र करने के बाद यह वर्ष 2013 में पृथ्वी पर लौटेगा। ग्रीनबेल्ट स्थित नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में ओएसआइआरआइएस-आरईएक्स के प्रोजेक्ट मैनेजर माइक डोनेली ने कहा, क्रिटिकल डिजाइन रिव्यू [सीडीआर] को मंजूरी मिलना नासा के लिए बड़ी उपलब्धि है। लेकिन उड़ान प्रणाली का एकीकरण और परीक्षण जैसी कठिन चुनौतियां अब भी सामने हैं। इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य शुरुआती सौर प्रणाली की संरचना, जैविक सामग्री के स्त्रोत और धरती पर जीवन को संभव बनाने वाले जरूरी तत्व जल के संबंध में जरूरी जबाव तलाशने हैं। मंगल के विशालकाय गड्ढे में थी पानी की झील!