मंगल संबंधी अध्ययन के लिए साथ आए नासा-इसरो
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो संयुक्त मंगल ग्रह कार्य समूह बनाने पर बातचीत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले नासा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। नासा और इसरो मंगल अभियान के संबंध में वैज्ञानिक संभावनाओं के गठबंधन के बारे में बात कर रहे हैं। नासा के ग्रहीय
By Edited By: Updated: Thu, 11 Sep 2014 03:48 PM (IST)
वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और भारतीय एजेंसी इसरो संयुक्त मंगल ग्रह कार्य समूह बनाने पर बातचीत कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले नासा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
नासा और इसरो मंगल अभियान के संबंध में वैज्ञानिक संभावनाओं के गठबंधन के बारे में बात कर रहे हैं। नासा के ग्रहीय विज्ञान संकाय डायरेक्टर जेम्स ग्रीन का कहना है कि भारत का मंगल यान इस महीने के आखिरी तक मंगल ग्रह पर पहुंचेगा, इसके दो दिन बाद यह मंगल की कक्षा में स्थापित हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में मंगल के वातावरण, खनिज विज्ञान और सतह का अध्ययन शामिल है। उनके मुताबिक, इससे दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियों को पृथ्वी के नजदीकी ग्रह के अध्ययन में मदद मिलेगी। एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और प्लेनेटरी सोसाइटी के अध्यक्ष जेम्स एफ बेल के मुताबिक, दुनिया की दूसरी अंतरिक्ष एजेंसियों की तुलना में नासा सबसे तेज और कामयाब है। उनके मुताबिक चीन और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रमों के उत्थान और जापान तथा यूरोपीय देशों के अंतरिक्ष कार्यक्रमों की कामयाबी यह दिखाती है कि अंतरिक्ष में रोबोट की मदद लेना अब अंतरराष्ट्रीय प्राथमिकता है।