कभी मंगल की सतह पर बहता था ताजा पानी
लाल ग्रह की सतह पर करीब चार अरब साल पहले जीवन के अनुकूल ताजा पानी बहता था। नासा के मार्स रोवर ऑपरच्यूनिटी को मिले नए साक्ष्य के आधार पर यह दावा किया गया है। नासा ने बताया कि यह निष्कर्ष चट्टान के नमूनों के परीक्षण से निकाला गया जिसे ऑपरच्यूनिटी रोवर ने इकट्ठा किया था। इससे प्राचीन नमी वाले वातावरण की
वाशिंगटन। लाल ग्रह की सतह पर करीब चार अरब साल पहले जीवन के अनुकूल ताजा पानी बहता था। नासा के मार्स रोवर ऑपरच्यूनिटी को मिले नए साक्ष्य के आधार पर यह दावा किया गया है। नासा ने बताया कि यह निष्कर्ष चट्टान के नमूनों के परीक्षण से निकाला गया जिसे ऑपरच्यूनिटी रोवर ने इकट्ठा किया था। इससे प्राचीन नमी वाले वातावरण की पुष्टि होती है।
इसके पहले रोवर द्वारा किए गए चट्टानों के परीक्षण से अम्लीय और ऑक्सीकरण स्थिति का पता चला था। इसकी तुलना में यह वातारण हल्का और प्राचीन है। कार्नेल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीवेन स्क्यूर्स की अगुवाई वाली साइंस टीम के सदस्य डॉ पाउलो डी सूजा ने कहा कि मंगल ग्रह अब बेहद ठंडा है जबकि जीवन के लिए तरल पानी आवश्यक है। हमें रोवर द्वारा घाटियों और चट्टानों की उपग्रह तस्वीरों और परीक्षण से इस ग्रह पर पूर्व में पानी होने के साक्ष्य मिले हैं।
पाउलो ने कहा कि किसी समय इस पर पाए जाने वाले खनिज सिरके की तरह अम्लीय थे। गौरतलब है कि रोवर ऑपरच्यूनिटी को मंगल ग्रह पर 24 जनवरी, 2004 का भेजा गया था। उसकी दसवीं वर्षगांठ के मौके पर यह बड़ी उपलब्धि सामने आई है। मंगल की सतह पर जिस जगह रोवर उतरा वहां से अब तक यह 38.7 किमी की दूरी तय कर चुका है।
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