चांद पर पानी और मंगल पर ऑक्सीजन तैयार करेगा नासा
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा चांद पर पानी और मंगल पर ऑक्सीजन तैयार करने के लिए निकट भविष्य में रोबोटिक अभियान भेजने की योजना बना रही है। रिसोर्स प्रोस्पेक्टर नाम का यह अभियान चांद पर वर्ष
वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा चांद पर पानी और मंगल पर ऑक्सीजन तैयार करने के लिए निकट भविष्य में रोबोटिक अभियान भेजने की योजना बना रही है। रिसोर्स प्रोस्पेक्टर नाम का यह अभियान चांद पर वर्ष 2018 और मंगल पर वर्ष 2020 में भेजा जाएगा।
नासा का यह पहला चंद्र अभियान होगा जिसके तहत पृथ्वी से दूर किसी विशेष स्थान पर संसाधनों के प्रयोग (आइएसआरयू) को दिखाने का पहला प्रयास किया जाएगा। आइएसआरयू का उद्देश्य उत्पादों के निर्माण के लिए अंतरिक्ष संसाधनों का दोहन करना है। इससे निकट भविष्य में दीर्घकालीन अंतरिक्ष अभियानों की बड़े पैमाने पर लागत कम की जा सकेगी।
चंद्र भूवैज्ञानिक पॉल स्पूडिस ने कहा,' पानी और हवा से जुड़े सामान (डंब मास) अगर अंतरिक्ष में नहीं ले जाने पड़े तो इनके स्थान पर कंप्यूटर व जरूरी उपकरण (इंटेलीजेंट मास) ले जाए जा सकते हैं। इससे अभियान के दौरान जरूरी काम निपटाने में मदद मिल सकती है। आइएसआरयू से काफी लाभ मिल सकते हैं।' डिस्कवरी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरिक्ष में अपनी तरह का पहला आइएसआरयू परीक्षण वर्ष 2018 के लिए निर्धारित किया गया है।
रिसोर्स प्रोस्पेक्टर अभियान के तहत कुछ उपकरणों के साथ एक रोवर भेजा जाएगा जो चांद पर हाइड्रोजन तलाशेगा, उसे गर्म करेगा और वाष्प बनाएगा। वाष्प को इकट्ठा कर बाद में पानी का रूप दिया जाएगा। नासा का दूसरा आइएसआरयू परीक्षण मंगल ग्रह पर वर्ष 2020 के लिए निर्धारित है। रोवर मंगल के वातावरण में मौजूद कार्बन डाई ऑक्साइड को इकट्ठा कर, उसमें से अशुद्धियों को अलग कर देगा।
अन्य उपकरणों और रसायनों की मदद से इसे ऑक्सीजन में परिवर्तित कर दिया जाएगा।
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