नासा को पता था नहीं बचेंगे कल्पना व उनके साथी
फ्लोरिडा। अंतरिक्ष से लौटने के दौरान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते समय पहली फरवरी, 2003 को दुर्घटनाग्रस्त हुए कोलंबिया यान की गड़बड़ी के बारे में नासा को पहले ही पता चल गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने उड़ान भरते समय ही पकड़ लिया था कि यान के बाएं पंख का थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम [टीपीएस] क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्हें अंदेशा हो गया था कि भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला समेत उनके सात साथी अब धरती पर सुरक्षित वापसी नहीं कर पाएंगे। काफी जद्दोजहद के बाद नासा के कंट्रोल मिशन ने संभावित खतरे के प्रति अंतरिक्ष यात्रियों को आगाह नहीं करने का फैसला किया।
फ्लोरिडा। अंतरिक्ष से लौटने के दौरान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते समय पहली फरवरी, 2003 को दुर्घटनाग्रस्त हुए कोलंबिया यान की गड़बड़ी के बारे में नासा को पहले ही पता चल गया था। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों ने उड़ान भरते समय ही पकड़ लिया था कि यान के बाएं पंख का थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम [टीपीएस] क्षतिग्रस्त हो गया है। उन्हें अंदेशा हो गया था कि भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला समेत उनके सात साथी अब धरती पर सुरक्षित वापसी नहीं कर पाएंगे। काफी जद्दोजहद के बाद नासा के कंट्रोल मिशन ने संभावित खतरे के प्रति अंतरिक्ष यात्रियों को आगाह नहीं करने का फैसला किया।
अंतरिक्ष शटल कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर रहे वायने हेल ने घटना के दस बाद अपने ब्लॉग के जरिये यह सच्चाई उजागर की है। बकौल हेल, 'मिशन मैनेजमेंट टीम [एमएमटी] की बैठक में उड़ान निदेशक जॉन हार्पोल्ड ने यानी की गड़बड़ी को लेकर हमें विस्तार से जानकारी दी। निदेशक ने कहा था कि टीपीएस की खराबी को हम ठीक नहीं कर सकते। अगर यह क्षतिग्रस्त हो गया है तो इसके बारे में उन्हें [अंतरिक्षयात्रियों को] न बताना ही श्रेयस्कर होगा।' हेल ने ब्लॉग में आगे लिखा है, 'हार्पोल्ड चाहते थे कि खतरे से बेपरवाह होकर अंतरिक्ष यात्री खुशी-खुशी मिशन का आनंद लें और धरती की कक्षा में प्रवेश के दौरान अप्रत्याशित रूप से मौत के शिकार हो जाएं।'