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सार्क में हिस्सा लेने के बाद इस्लामाबाद से बिना लंच वापस लौटे राजनाथ

सार्क सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद गृहमंत्री राजनाथ इस्लामाबाद से बिना लंच किए नई दिल्ली वापस लौट आए।

By Lalit RaiEdited By: Updated: Thu, 04 Aug 2016 09:17 PM (IST)
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नई दिल्ली। सार्क देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह बिना लंच वापस नई दिल्ली लौट आए हैं। दिल्ली पहुंचने के बाद पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सार्क में भारत के मुद्दे को बेहद जोरदार तरीके से उठाया गया। राजनाथ ने कहा कि वह इस बारे में संसद में बयान देंगे। गृहमंत्री ने पाकिस्तान से वापस लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर वहां के बारे में सारी बातें बताई।

सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान में सार्क सम्मेलन के दौरान गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान को पाकिस्तानी मीडिया की तरफ से ब्लैक आउट करने की ख़बर पूरी तरह से गलत थी। सार्क सम्मेलन के दौरान प्राय: ऐसा होता है कि जब उसकी अध्यक्षता करनेवाले देश का शुरूआती बयान सार्वजनिक होता है और उस वक्त तक ही मीडिया की एंट्री रहती है।

पाकिस्तान ने कहा- असली मुद्दों से ध्यान ना भटकाए भारत


उधर, पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री चौधरी निसार अली खान ने बताया कि भारतीय गृहमंत्री ने उन्हें कहा था कि वह ऑफिशियल लंच हमारे साथ करेंगे। लेकिन, दुर्भाग्यवश मुझे किसी अन्य बैठक में जाना पड़ गया। निसार अली ने आगे कहा कि किसी भी देश अंतर्राष्ट्रीय आंतकवाद की आड़ में नहीं छिपने की कोशिश करनी चाहिए और ना ही लोगों की स्वतंत्रता की मांग से ध्यान भटकाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमें एक दूसरे के ऊपर ऊंगली उठाकर और उसके बाद अपने-अपने रास्ते नहीं जाना चाहिए बल्कि हमें एक साथ बैठकर मुद्दों पर बात करनी चाहिए। पाकिस्तान हमेशा से बातचीत के लिए तैयार है। हमने कभी भी बातचीत के दरवाजे बंद नहीं किए हैं।

राजनाथ सिंह की खरी-खरी

इस्लामाबाद में सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को खरी-खरी सुनायी। उन्होंने कहा, 'न केवल आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए बल्कि उन संस्थाओं, व्यक्तियों और राष्ट्रों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं।'

उन्होंने कहा कि अच्छा या बुरा आतंकवाद कुछ नहीं होता है। आतंकवाद सिर्फ आतंकवाद होता है। पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आतंकियों का गुणगान शहीदों की तरह नहीं होना चाहिए। गृहमंत्री ने कहा कि आतंकवाद की निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है। राजनाथ सिंह के भाषण को कवर करने के लिए किसी भी मीडिया हाउस को अनुमति नहीं दी गई।

इससे पहले पाक पीएम नवाज शरीफ ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी प्रतिबद्धता जताई। लेकिन कश्मीर का नारा बुलंद करने वाले अपने बयान पर खामोश रहे। जानकारों का कहना है कि भारत के दबाव का साफ असर उनके संबोधन पर दिखायी दे रहा था। पीएम नवाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध है। आतंकवाद के सफाए के लिए पाकिस्तान जर्ब-ए-अज्ब चला रहा है, और इसे हम आगे भी जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की जमीन का इस्तेमाल सिर्फ अच्छे कामों के लिए ही किया जा सकता है। आतंक के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अहम कामयाबी मिली है। सार्क अपने मकसद को पूरा करने में कामयाब रहा है। सार्क देशों के सामने बहुत सी चुनौतियां हैं। लेकिन इन सबके बीच ये संगठन अपने उद्देश्यों को पूरा कर रहा है। क्षेत्रीय सहयोग के लिए हमें अभी भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। इसमें शक नहीं है कि सार्क के अंदर कुछ देशों में मतभेद है। लेकिन हमें अंतरविरोधों के साथ आगे बढ़ना चाहिए।

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क्या है STOMD ?

सम्मेलन में राजनाथ सिंह भारत की तरफ से सार्क देशों से आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करने के लिए सार्क टेररिस्ट ऑफेंसज मॉनिटरिंग डेस्क (STOMD) को एक्टिव करने के लिए जोर देंगे। वर्ष 1995 में श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में बने यह डेस्क तकनीकी कारणों से अब तक ऑपरेशनल नहीं हुआ है।

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