पृथ्वी जैसे ग्रह ने अंतरिक्ष में जीवन की उम्मीद बढ़ाई
खगोल वैज्ञानिकों को करीब 3,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एकल तारा व्यवस्था में पृथ्वी जैसा एक और ग्रह मिला है। इसके जरिए सुदूर अंतरिक्ष में जीवन की उम्मीदें बढ़ गई हैं। धरती के द्रव्यमान की तुलना में करीब दोगुना यह ग्रह एकल व्यवस्था में एक तारे का चक्कर लगाता है। इसकी तारे से दूरी करीब उतनी ही है जितनी सूर्य
By Edited By: Updated: Fri, 04 Jul 2014 06:49 PM (IST)
न्यूयॉर्क। खगोल वैज्ञानिकों को करीब 3,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर एकल तारा व्यवस्था में पृथ्वी जैसा एक और ग्रह मिला है। इसके जरिए सुदूर अंतरिक्ष में जीवन की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
धरती के द्रव्यमान की तुलना में करीब दोगुना यह ग्रह एकल व्यवस्था में एक तारे का चक्कर लगाता है। इसकी तारे से दूरी करीब उतनी ही है जितनी सूर्य और पृथ्वी की दूरी है। हालांकि यह जिस तारे की परिक्रमा करता है वह सूर्य की तुलना में कम चमकीला है। इस कारण से यह ग्रह पृथ्वी की तुलना में काफी ठंडा है। इसका तापमान काफी हद तक बृहस्पति के उपग्रह यूरोपा जितना है। अमेरिका की ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एंड््रयू गॉल्ड की अगुवाई में चार अंतरराष्ट्रीय शोध टीमों को इस ग्रह के प्राथमिक प्रमाण मिले हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह ग्रह स्वयं तो इतना ठंडा है कि इस पर जीवन संभव नहीं, लेकिन इससे यह उम्मीद अवश्य बनी है कि ब्रह्मांड में सूर्य की तरह और भी एकल तारा व्यवस्थाएं हैं, जहां जीवन संभव हो सकता है। प्रोफेसर स्कॉट गॉडी ने कहा कि इस खोज के जरिए भविष्य में रहने योग्य ग्रहों की खोज के संभावित आयाम में बड़ा विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड में करीब आधे तारे एकल व्यवस्था में हैं। हमें इस बात का कोई अंदाजा नहीं है कि इन व्यवस्थाओं में धरती जैसे और ग्रह हो सकते हैं या नहीं। प्राथमिक संकेतों में पता चला है कि इस ग्रह का तारा सूर्य की तुलना में 400 गुना धीमा है। पढ़े: क्या होगा? यदि धरती घूमना भूल जाए तो..