फीलगुड खबर-इलेक्ट्रानिक नाक से सांस की जांच, बीमारियों का पता चलेगा
यह किफायती है और इसे आसानी से उपयोग में लाया जा सकेगा। इस काम में जुटे वैज्ञानिकों में एक भारतीय भी शामिल है।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Fri, 17 Jun 2016 10:27 PM (IST)
ह्यूस्टन, प्रेट्र/आइएएनएस। वैज्ञानिक एक ऐसी नई ई-नोज (इलेक्ट्रानिक नाक) विकसित कर रहे हैं जिससे सांस की जांच के साथ कई बीमारियों का पता लगाया जा सकेगा। यह किफायती है और इसे आसानी से उपयोग में लाया जा सकेगा। इस काम में जुटे वैज्ञानिकों में एक भारतीय भी शामिल है।
फिलहाल जिन डिवाइसों से सांस की जांच की जा रही है, वे भारी भरकम और व्यावसायिक उपयोग के लिहाज से काफी महंगे हैं। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास से जुड़े नवनीत शर्मा ने कहा, 'इलेक्ट्रानिक नाक बनाने के प्रयास काफी समय से हो रहे हैं। हमने यह करके दिखा दिया है कि किफायती इलेक्ट्रानिक नाक बनाई जा सकती है। यह नाक कई तरह की गंध को सूंघकर उन्हें समझ सकती है।' शर्मा ने कहा, 'जब आप कोई चीज सूंघ रहे होते हैं तो आप हवा में केमिकल मोलेक्यूल्स की पहचान कर रहे होते हैं। यह नाक रोटेशनल स्पक्ट्रोस्कोपी के उपयोग से केमिकल कम्पाउंड की पहचान करती है।' शोधकर्ताओं के अनुसार, यह डिवाइस मानव श्वास में रासायनिक पदार्थो की निम्न स्तर पर मौजूदगी की भी पहचान कर सकती है। सांसों में शरीर के हर हिस्से की जानकारी होती है। श्वसन जांच में खून के नमूने लेने की जरूरत नहीं पड़ती है। फिलहाल शोधकर्ता प्रोटोटाइप इलेक्ट्रानिक नाक बनाने में जुटे हुए हैं। यह बीटा टेस्टिंग के लिए 2018 के शुरू में उपलब्ध हो सकती है।अादित्यनाथ अौर अनुप्रिया को मिल सकती है मोदी कैबिनेट में जगह