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नीस हमले में सामने आया आतंक फैलाने का नया जरिया

फ्रांस के शहर नीस के हमले में बंदूक और बम के बिना आतंक फैलाने का नया चेहरा दुनिया के सामने आया है। यूरोप के लिए यह खतरे की घंटी है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Fri, 15 Jul 2016 09:48 PM (IST)
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नई दिल्ली (कमल कान्त वर्मा)। फ्रांस कुछ वर्षों से लगातार आतंक के निशाने पर है। आज नीस में हुआ हमला इसका जीता जागता उदाहरण है। लेकिन इसमें हमलावर ने जिस हथियार का इस्तेमाल किया इसका इस्तेमाल पहले कभी आतंकियों ने इस तरह से नहीं किया था। हमलावर ने अधिक से अधिक लोगों की हत्या के लिए यहां पर एक ट्रक का इस्तेमाल किया था। इसके बाद उसने यहां मौजूद लोगों पर अंधाधुंध फायरिंग भी की। इस तरह का हमला दुनिया में पहले कभी नहीं हुआ।

वर्ष 2015 से लेकर अब तक फ्रांस तीन आतंकी हमले झेल चुका है। जनवरी 2015 में फ्रांस की एक मैगजीन शार्ली अब्दो पर हुए हमले में आतंकियों ने करीब दो दर्जन लोगों की हत्या कर दी थी। शार्ली अब्दो पर यह दूसरा बड़ा हमला था। इससे पूर्व वर्ष 2011 में भी इस मैगजीन पर हमला किया गया था। इसके बाद नवंबर 2015 में आतंकियों ने यहां एक बार फिर से खूनी खेल खेला था। इसमें आत्मघाती हमलावरों ने पेरिस में कंसर्ट हॉल, स्टेडियम और एक रेस्तरां को निशाना बनाया था।

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इस हमले में 130 लाेग मारे गए थे जबकि सौ से अधिक लोग घायल हो गए थे। उस वक्त फ्रांस में राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इमरजेंसी का ऐलान किया था। इस इमरजेंसी की मियाद इस वर्ष 26 जुलाई को खत्म होने वाली थी। लेकिन इससे पहले ही नीस का हमला हो गया। इस घटना के बाद राष्ट्रपति ने इमरजेंसी को आगे बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने इसको एक आतंकी हमला बताया है और इसकी जांच भी आतंक निरोधक टीम को सौंपी है।

फ्रांस पर आज का हमला इस बात का भी संकेत है कि न सिर्फ फ्रांस बल्कि पूरा यूरोप आतंक की जद में आ चुका है।ब्रसेल्स और इस्तांबुल का आतंकी हमला इसका एक उदाहरण है। इतना ही नहीं आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट यूरोप में हमले तेज करने की धमकी एक नहीं कई बार दे चुका है। इसके अलावा आतंकी की फैक्टरी पाकिस्तान में यूराेेप को तबाह करने की दुआएं खुलेआम मांगी जा रही है।

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ब्रिटेन के ईयू से अलग होने के बाद पाकिस्तान में मौजूद लश्कर ए तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद ने अपनी एक रैली में खुलेआम कहा था कि जिहाद की वजह से ब्रिटेन ईयू से अलग हुुआ है। अब उसका अंत नजदीक है। उसने अपनी इस रैली में यहां तक कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब यूरोप का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और पूरी दुनिया पर इस्लामिक राज होगा।

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फ्रांस, ब्रसेल्स और इस्तांबुल के आतंकी हमलों में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट का हाथ रहा है। आज हुए नीस के हमले का हमलावर फ्रांस-ट्यूनेशिया मूल का था। उसकी पहचान कर ली गई है। इस हमले में भले ही अभी तक इस्लामिक स्टेट का नाम सामने न आ रहा हो लेकिन यह हमला एक सोची समझी रणनीति के तहत ही किया गया है। इस हमले में बम और बंदूक के बिना ही एक हमलावर ने 84 लोगों की जान ले ली। इस हमले में कई लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। बंदूक और बम के बिना आतंक फैलाने का यह एक नया चेहरा दुनिया के सामने आया है।

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