नाइजीरिया बोको हराम से बातचीत के लिए राजी
नाइजीरिया की सरकार ने कहा है कि वह बोको हराम से बातचीत करने के लिए तैयार है, जबकि अमेरिका ने एक माह पहले अपहृत दो सौ से अधिक लड़कियों को बचाने की मुहिम में अपने शीर्ष अफ्रीकी जनरल को वार्ता के लिए भेजा है। दूसरी ओर, देश के उत्तरी इलाके के एक गांव में ग्रामीणों ने कई आतंकियों को मार डाला और कुछ को बंधक बना लिया।
By Edited By: Updated: Thu, 15 May 2014 12:29 AM (IST)
अबुजा। नाइजीरिया की सरकार ने कहा है कि वह बोको हराम से बातचीत करने के लिए तैयार है, जबकि अमेरिका ने एक माह पहले अपहृत दो सौ से अधिक लड़कियों को बचाने की मुहिम में अपने शीर्ष अफ्रीकी जनरल को वार्ता के लिए भेजा है। दूसरी ओर, देश के उत्तरी इलाके के एक गांव में ग्रामीणों ने कई आतंकियों को मार डाला और कुछ को बंधक बना लिया।
नाइजीरिया के उत्तर पश्चिम प्रांत बोर्नो के गवर्नर काशिम शेतिमा ने आतंकी गुट के ताजा वीडियो में दिखाई गई सभी लड़कियों की पहचान चिबोक के एक स्कूल की छात्राओं के रूप में किए जाने की पुष्टि की। बोको हराम ने गत 14 अप्रैल को स्कूल पर हमला कर 276 छात्राओं को अगवा कर लिया था। इनमें से कुछ उनके चंगुल से बचकर भाग निकली थीं, जबकि अभी भी 223 लड़कियां उसकी कैद में हैं। इस बीच, नाइजीरिया के राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने बोर्नो व दो पड़ोसी प्रांतों में एक साल पहले लागू की गई आपात स्थिति की समयावधि को छह माह और बढ़ाने का आग्रह किया, जबकि विशेष कार्यो के मंत्री तामिनु तुराकी ने दोहराया कि हम अपहृत लड़कियों सहित किसी भी मुद्दे पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं। इस बीच, ग्रामीणों ने हमले की तैयारी में जुटे कई इस्लामी आतंकियों को मार गिराया। देश के उत्तरी राज्य के एक गांव में में स्थानीय लोगों ने हमला बोलकर हथियारबंद आतंकियों से भरे दो ट्रकों को कब्जा में लिया। इनमें से कई को लोगों ने वहीं मार दिया, जबकि 10 को बंदी बना लिया।
77 अपहृत लड़कियों की हुई पहचान:नाइजीरिया में अपहृत दो सौ से अधिक स्कूली लड़कियों में से 77 की बोको हराम द्वारा जारी वीडियो में पहचान की गई। सरकार के प्रवक्ता ईसा गुसाउ के अनुसार, अभिभावकों, स्कूल के अधिकारियों व सहपाठियों ने अपहृत लड़कियों के चेहरों की वीडियो में पहचान की।
क्या है बोको हराम:मुस्लिम धर्मगुरु मोहम्मद यूसुफ ने 2002 में इस्लामी संगठन बोको हराम की स्थापना की थी। उसका राजनीतिक उद्देश्य एक इस्लामिक देश बनाना है। वह संविधान में शरिया कानून लागू करना चाहता है और पश्चिमी शिक्षा का विरोध करता है। उसने 2009 से नाइजीरिया के कई हिस्सों में सरकारी इमारतों, पुलिस स्टेशनों, ईसाइयों व मुस्लिमों को निशाना बनाना शुरू किया। अब तक वह हजारों नागरिकों की जान ले चुका है। पढ़ें: नाइजीरियाई छात्राओं को ढूंढेंगे अमेरिका के खुफिया विमान