चीन की अगुआई में उत्तर कोरिया पर सख्त प्रतिबंध, दागीं मिसाइलें
उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने और सख्त प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। प्रतिबंध का मसौदा चीन और अमेरिका ने तैयार किया था।
By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 03 Mar 2016 07:48 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र। उत्तर कोरिया पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने और सख्त प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया है। प्रतिबंध का मसौदा चीन और अमेरिका ने तैयार किया था। इसे दो दशकों में किसी भी देश पर लगाया गया सबसे कड़ा प्रतिबंध बताया जा रहा है।
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ने यूएन के कदम को संप्रभुता में दखल करार दिया है। प्योंगयांग ने समुद्र में छह कम दूरी की मिसाइलें दागकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। इस साल छह जनवरी को परमाणु परीक्षण और सात फरवरी को रॉकेट लांच करने के कारण प्योंगयांग पर नए प्रतिबंध लगाए गए है। यूएन में अमेरिकी प्रतिनिधि सामंता पावर ने बताया कि नए प्रतिबंधों का उद्देश्य उत्तर कोरिया के परमाणु और हथियार कार्यक्रम की फंडिंग बंद करना है। इसे ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध से ज्यादा सख्त बताया जा रहा है। प्रतिबंध में 16 व्यक्तियों और 12 कंपनियों को काली सूची में डाला गया है। इनमें सीरिया, ईरान, वियतनाम में उत्तर कोरियाई व्यापार प्रतिनिधि भी शामिल हैं। शुरुआती मसौदे में 17 व्यक्तियों को इसके दायरे में रखा गया था। बाद में रूस में कोरिया के खनन विकास निगम प्रतिनिधि का नाम इस सूची से हटा लिया गया। उत्तर कोरियाई कंपनी ओशन मैरीटाइम मैनेजमेंट कंपनी की स्वामित्व वाली 31 पोतों को भी काली सूची में डाल दिया गया है। इसके अलावा नेशनल एयरोस्पेस डेवलपमेंट एजेंसी (नाडा) पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।
इतना ही नहीं उत्तर कोरिया के सशस्त्र बलों की क्षमता को बढ़ाने वाले उत्पादों (जैसे ट्रक) के निर्यात को भी प्रतिबंधित किया गया है। नई व्यवस्था के तहत उत्तर कोरिया से जाने वाले हर मालवाहक पोत और विमान की जांच-पड़ताल की जाएगी।अमेरिका ने भी उठाए कदम
यूएन की घोषणा के तुरंत बाद ही अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने दस लोगों और दो कंपनियों को काली सूची में डालने का एलान कर दिया। इन पर उत्तर कोरिया और उसके हथियार कार्यक्रम से जुड़े रहने का आरोप है। कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन के विश्वस्त सहयोगी राष्ट्रीय रक्षा आयोग के उपाध्यक्ष ह्वांग प्योंग सो का नाम भी इसमें शामिल है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय ने भी तीन कंपनियों और दो व्यक्तियों को प्रतिबंधित करने की बात कही है। चीन ने टकराव के समाधान के लिए वार्ता का रास्ता अपनाने की अपील की है। यूएन महासचिव मून ने सुरक्षा परिषद के कदम का स्वागत किया है। यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध को और सख्त करने की बात कही है।