उ. कोरिया को परमाणु परीक्षणों का खामियाजा भुगतना होगा
उत्तर कोरिया को हाल में किए अपने परमाणु परीक्षण और रॉकेट लांचिंग का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बावजूद इसके दक्षिण कोरिया उससे बातचीत का रास्ता बंद नहीं करेगा।
सियोल । उत्तर कोरिया को हाल में किए अपने परमाणु परीक्षण और रॉकेट लांचिंग का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। बावजूद इसके दक्षिण कोरिया उससे बातचीत का रास्ता बंद नहीं करेगा। उत्तर कोरिया को इसके लिए परमाणु निशस्त्रीकरण का निर्णय लेना होगा। यह बात दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क जीउन ही ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कही है।
जापानी शासन के खिलाफ कोरिया के संघर्ष की वर्षगांठ के अवसर पर पार्क ने कहा, अगर हमने उत्तर कोरिया की भड़कावे की कार्रवाइयों का जवाब नहीं दिया तो वह और भी परमाणु परीक्षण करेगा। अगर हम उसे अकेला छोड़ देते हैं तो भी वह परमाणु परीक्षण जारी रखेगा। इसलिए उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है। उत्तर कोरिया को समझ लेना चाहिए कि परमाणु हथियारों के साथ अब वह मौजूदा शासन व्यवस्था को ज्यादा दिनों तक नहीं बनाए रख सकता। पार्क ने पहली बार अपने पड़ोसी राष्ट्र के प्रति इतना कड़ा और स्पष्ट रवैया सार्वजनिक किया है।
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पार्क का यह वक्तव्य संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों पर मतदान से ठीक पहले आया है। यह मतदान भारतीय समयानुसार मंगलवार देर रात होना है। पार्क ने बताया कि प्रतिबंध का यह मसौदा उत्तर कोरिया के नजदीकी चीन की सहमति से तैयार किया गया है। इसलिए उत्तर कोरिया पर कड़े प्रतिबंधों को लागू होने से अब कोई नहीं रोक सकता। उल्लेखनीय है कि परमाणु परीक्षणों के चलते उत्तर कोरिया सन 2012 के बाद से ही प्रतिबंध झेल रहा है। लेकिन बीती जनवरी में हाइड्रोजन बम का परीक्षण करने और रॉकेट छोड़े जाने से इन प्रतिबंधों को और कड़े किए जाने का विश्व बिरादरी ने निर्णय लिया है।