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एनएसए ने फिर किया अपने जासूसी कार्यक्रम का बचाव

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] ने वैश्विक स्तर पर मोबाइल फोन की निगरानी करने के अपने कार्यक्रम का बचाव किया है। एनएसए ने दलील दी है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रपति के आदेश के तहत कानूनी रूप से अधिकृत है और इसका इस्तेमाल विश्व के खतरनाक इलाकों में किया जाता है।

By Edited By: Updated: Sat, 07 Dec 2013 04:22 PM (IST)
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वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] ने वैश्विक स्तर पर मोबाइल फोन की निगरानी करने के अपने कार्यक्रम का बचाव किया है। एनएसए ने दलील दी है कि यह कार्यक्रम राष्ट्रपति के आदेश के तहत कानूनी रूप से अधिकृत है और इसका इस्तेमाल विश्व के खतरनाक इलाकों में किया जाता है।

एनएसए की प्रवक्ता वेनी वेंस ने अपने बयान में कहा कि निगरानी कार्यक्रम से विदेशी खुफिया निगरानी एक्ट [एफआइएसए] का उल्लंघन नहीं हुआ है। वाशिंगटन पोस्ट अखबार ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एनएसए विदेश में रहने वाले अमेरिकियों समेत करीब पांच अरब लोगों के मोबाइल फोन की प्रतिदिन जासूसी करता है। वेंस ने कहा, 'एनएसए हर फोन की लोकेशन नहीं जानता। इसलिए हर फोन की जासूसी नहीं हो सकती। दुनिया के कुछ बहुत ही खतरनाक इलाकों में को-ट्रैवलर नामक शक्तिशाली विश्लेषणात्मक कंप्यूटर प्रोग्राम का इस्तेमाल किया जाता है, ताकि देश को आतंकी गतिविधियों से बचाया जा सके।' वाशिंगटन पोस्ट का जिक्र किए बिना एनएसए अधिकारी ने कहा कि यह निगरानी एक तरह से विदेश संचार पर आधारित है, देश के अंदर अमेरिकियों के सेलफोन के लोकेशन आंकड़ों को इकट्ठा नहीं किया जाता है।

स्नोडेन के खुलासों से खड़े हुए गंभीर सवाल

उन्होंने बताया कि वैश्विक स्तर पर मोबाइल फोन की निगरानी ह्वाइट हाउस के आदेशों पर की जा रही है। गौरतलब है कि वाशिंगटन पोस्ट ने इस जासूसी कार्यक्रम का खुलासा एडवर्ड स्नोडेन द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों के आधार पर किया था।

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