70 साल में पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति का होगा हिरोशिमा दौरा
पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति जापान के हिरोशिमा का दौरा कर रहे हैं। ये वो जगह है जहां पर दुनिया में पहली बार परमाणु बम गिराया गया था। इससे पहले यहां आने से लगातार अमेरिका राष्ट्रपति बचते रहे थे।
By Rajesh KumarEdited By: Updated: Fri, 22 Apr 2016 06:20 PM (IST)
टोक्यो, एएफपी। दूसरे विश्वयुद्ध के समय अमेरिका की तरफ से जापान के हिरोशिमा पर बम गिराये जाने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया था। अब पहली बार किसी अमेरिका राष्ट्रपति का करीब 70 सालों के बाद हिरोशिमा दौरा हो रहा है। जापान के बिजनेस अखबार निक्केई के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जी-7 सम्मेलन में भाग लेने अगले महीने के आखिर में जापान जा रहे हैं। जिसके बाद वे हिरोशिमा में उस जगह पर जाएंगे जहां अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था।
कई अमेरिकी सरकारी अधिकारियों के हवाले से निक्केई के ऑनलाइन वेबसाइट ने बताया कि अगले महीने की 27 मई को जब जी-7 नेताओं का शिखर सम्मेलन खत्म होगा उसके बाद वाशिंगटन वहां पर जापान की मदद से राष्ट्रपति ओबामा के हिरोशिमा जाने की व्यवस्था करेगा। पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेशमंत्री जॉन कैरी ने हिरोशिमा की उन जगहों पर गए जहां परमाणु हमले में मारे गए लोगों की याद में स्मारक और संग्रहालय बनाया गया है। जॉन कैरी जी-7 समूह देशों के विदेशमंत्रियों के साथ अमेरिकी की तरफ से 6 अगस्त 1945 को गिराए गए पहले परमाणु बम की जगह इस त्रासदी में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। उसके बाद अगले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के उन जगहों पर जाने के बड़ा सांकेतिक महत्व माना जा रहा है।ये भी पढ़ें- हिरोशिमा पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री, परमाणु हमले में मारे गए लोगों को दी श्रद्धांजलि
निक्केई ने अमेरिकी के कई शीर्ष अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि ऐसा माना जा रहा है कि उनके परमाणु मुक्त दुनिया का आह्वान करने के चलते 2009 में नोबेल पुरस्कार जीत चुके अमेरिकी राष्ट्रपति बराक वहां पर जाकर परमाणु उन्मूलन के बारे में एक स्पीच दे सकते हैं। निक्केई अखबार के मुताबिक, बराक ओबामा जापान के राष्ट्रपति शिंजो आबे के साथ हिरोशिमा में बने शांति स्मारक पार्क पर फूल चढ़ा कर श्रद्धांजलि दे सकते हैं। जी-7 समूह देशों के विदेशमंत्रियों की दो दिवसीय सम्मेलन के बाद जॉन कैरी ने कहा था कि सभी को यहां पर आकर देखना चाहिए। उन्होंने कहा- “मैं ऐसा उम्मीद करता हूं कि एक दिन ऐसा आएगा जब बाकि लोगों की तरह अमेरिका के राष्ट्रपति भी यहां पर आएंगे।”
गौरतलब है कि हिरोशिमा पर अमेरिका की तरफ से दूसरे विश्वयुद्ध के समय गिराए गए परमाणु बम हमले में करीब एक लाख चालीस हजार लोग जान से मारे गए थे। उस युद्ध के समय मुख्य सैन्य केन्द्र हिरोशिमा पर हुए परमाणु विस्फोट के बाद ये पूरी तरह से बर्बाद हो गया था। इसके बाद, जापान के दूसरे शहर नागासाकी पर तीन दिन बाद हुए एक बार फिर परमाणु हमले में भी करीब 74 हजार जानें गई थी। जिसके बाद जापान ने आत्मसर्पण कर दिया औऱ दूसरे विश्वयुद्ध का अंत हो गया।