G-20 में पीएम ने आर्थिक नरमी से निपटने के लिए दिया 'मंत्र' जानें, अहम बातें
हांगझाऊ में पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक चुनौतियां का सामना करने के लिए सिर्फ बोलने से काम नहीं होगा। बल्कि पुख्ता कदम उठाने की आवश्यकता है।
हांगझोउ (चीन): चीन के हांगझोउ में जारी जी-20 सम्मेलन में शामिल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया भर में देखी जा रही आर्थिक नरमी से निपटने का 'मंत्र' दिया. यहां उन्होंने कहा कि इसके लिए 'गूढ़ बातचीत' करना ही काफी नहीं है। बल्कि जी-20 के सदस्य देशों की ओर से 'सम्मिलित, समन्वित और लक्षित कार्रवाई' करने की जरूरत है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक नरमी से निपटने के लिए 'गूढ़ बातचीत' करना ही काफी नहीं है, बल्कि इसके लिए जी-20 के सदस्य देशों की ओर से 'सम्मिलित, समन्वित और लक्षित कार्रवाई करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने पूर्वी चीन के इस शहर में जी-20 के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'हम ऐसे समय मिल रहे हैं, जबकि वैश्विक स्थिति जटिल राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही है। पीएम मोदी ने कहा, 'एक स्पष्टवादी और कठिन वार्ता काफी नहीं है. जी-20 को सामूहिक, समन्वित और लक्षित कार्रवाई के लिए एक कार्रवाई आधारित एजेंडा को आगे बढ़ाने की जरूरत है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने वैश्विक वृद्धि के पुनरोद्धार के लिए बुनियादी सुधारों का एजेंडा पेश किया. उन्होंने कहा कि वित्तीय प्रणाली में सुधार की जरूरत है. इसके अलावा घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहन देने, बुनियादी ढांचा विकास के लिए निवेश बढ़ाने तथा मानव पूंजी का सृजन करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी चुनौतियां समान हैं, साथ ही अवसर भी, कनेक्टिड मशीनें, डिजिटल क्रांति तथा नई प्रौद्योगिकी अगली पीढ़ी की वैश्विक वृद्धि का आधार तैयार कर रही है।पीएम मोदी ने कहा, 'सभी के लाभ के लिए जी-20 को निर्णायक तरीके से कार्रवाई करने की जरूरत है. इसके लिए भागीदारी के एक मजबूत नेटवर्क की भी जरूरत है।
जी-20 के सदस्य देशों का वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 85 प्रतिशत हिस्सा है। जी-20 के देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
जी 20 सम्मेलन से इतर पीएम मोदी ने ब्रिक्स नेताओं से मुलाकात में एक तरह से पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए अह्वान किया कि 'आतंकवाद के समर्थकों और प्रायोजकों' को अलग-थलग करने के लिए समूह द्वारा समन्वित कार्रवाई की जाए। ब्रिक्स नेताओं की एक बैठक में मोदी ने सख्त शब्दों में कहा कि दक्षिण एशिया या किसी अन्य क्षेत्र में भी आतंकवादियों के पास न तो बैंक है और न ही हथियारों का कारखाना है. इससे साफ पता चलता है कि कोई न कोई उनको पैसा और हथियार दे रहा है।
ब्रिक्स में पांच प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। दुनिया की आबादी का 43 प्रतिशत इन देशों में रहता है। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में इन देशों का हिस्सा 37 प्रतिशत का है. वैश्विक कारोबार में ब्रिक्स की हिस्सेदारी 17 प्रतिशत की है।