पाक ने किया अमेरिका के दावे का खंडन
इस्लामाबाद के परमाणु शस्त्रागार को सिमित करने के व्हाइट हाउस के दावे का पाकिस्तान ने खंडन किया है । पाक ने कहा है कि दोनों देशों के बीच ऐसी किसी संधि पर बातचीत नहीं हुई जिसमे इस्लामाबाद के परमाणु शस्त्रागार को सिमित करने की बात कही गई थी ।
इस्लामाबाद । पाकिस्तान ने व्हाइट हाउस के उस दावे का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि वो यूएस के साथ मिलकर एक ऐसी संधि पर काम कर रहा था जिससे इस्लामाबाद के परमाणु शस्त्रागार सीमित हो जाएं । विदेश कार्यालय के प्रवक्ता काज़ी खलीलउल्लाह ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह की किसी भी डील को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है । नेशन न्यूज़पेपर को दिए बयान में काज़ी ने कहा कि इतिहास इस तथ्य का गवाह है कि प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने किसी भी राज्य की किसी भी तरह की कोई मांग नहीं मानी । उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ऐसी नीतियों में यकीन रखते हैं जिनका मकसद संरक्षण और पाकिस्तान के राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देना है । शरीफ, जो रविवार रात को ही यूएस के लिए रवाना होने वाले थे, उन्होंने इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई के मुखिया से मिलने के लिए अपनी यात्रा में देरी कर दी । शरीफ उसी रात यूएस से लौटे थे । पढ़े: भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ से नवाज शरीफ को खतरा: पाकिस्तान
व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जोश अर्नेस्ट कहा कि ये डील इसलिए की गई थी क्यूंकि यूएस को चिंता थी कि पाकिस्तान छोटे सामरिक परमाणु हथियार तैनाती के कगार पर हो सकता है, कुछ उसी तरह जैसा शीत युद्ध के दौरान यूएस ने सोवियत संघ को रोकने के लिए लोगों के साथ किया । हार्नेट के अनुसार, इसके बारे में भी काफी अफवाहें फैली हुई हैं । फिल्हाल यूएस परमाणु सुरक्षा और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर, पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बातचीत में लगा हुआ है । अर्नेस्ट ने आगे कहा कि वॉशिंगटन और इस्लामाबाद के बीच अभी बातचीत का जो माहौल है वो अभी उस लेवल पर नहीं है, जिससे 22 अक्टूबर को नवाज़ शरीफ के पहुंचने से पहले अधिकारी किसी समझौते की उम्मीद लगा सकें। लेकिन पाकिस्तानी आधिकारिक सूत्रों की मानें तो शरीफ लंदन में एक रात रुकने के बाद मंगलवार को वॉशिंगटन पहुंच जाएंगे । वहीं इस्लामाबाद से रवाना होने से पहले शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान एक ज़िम्मेदार संप्रभु परमाणु राज्य है और इसकी रणनीतिक संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए सभी इंतज़ाम किए गए हैं । पढ़े: शरीफ के अमेरिकी दौरे से विशेषज्ञों को ज्यादा उम्मीदें नहीं