एक-दूसरे के विरोधी रहे पाकिस्तान और रूस करेंगे पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास
भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी को देखते हुए इस कदम को अहम माना जा रहा है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। शीत युद्ध में एक-दूसरे के विरोधी रहे पाकिस्तान और रूस पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास करने जा रहे हैं। निश्चित तिथि के बारे में जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन इसे साल के अंत में करने की योजना है। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती नजदीकी को देखते हुए इस कदम को अहम माना जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 'फ्रेंडशिप-2016' के नाम से आयोजित होने वाले संयुक्त अभ्यास में दोनों देशों के तकरीबन दो सौ जवान हिस्सा लेंगे। पाकिस्तान, रूस से लड़ाकू विमान खरीदने की जुगत में भी है। अमेरिका द्वारा सैन्य मदद रोकने और एफ-16 की आपूर्ति से इन्कार के बाद पाकिस्तान को रूस का रुख करना पड़ा है।
'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने मास्को में पाकिस्तानी राजदूत काजी खलीलुल्ला के हवाले से यह रिपोर्ट दी है। उन्होंने अभ्यास के स्वरूप और तिथि के बारे में जानकारी देने से इन्कार कर दिया। खलीलुल्ला ने कहा, 'संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों द्वारा रक्षा संबंध और सैन्य तकनीक के क्षेत्र में सहयोग का दायरा बढ़ाने की इच्छा का संकेत है।' अमेरिका के साथ रिश्ते तल्ख होने के बाद पाकिस्तान सैन्य जरूरतों के लिए वैकल्पिक स्रोत की तलाश में जुटा था। पिछले 15 महीनों में पाकिस्तानी सेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख मास्को का दौरा कर चुके हैं। पिछले साल दोनों देशों के बीच चार एमआइ-35 हमलावर हेलीकॉप्टर खरीद समझौते पर सहमति बन चुकी है। पाकिस्तान सुखोई-35 लड़ाकू विमान खरीदने की भी जुगत में है।
दक्षिण सागर में चीन का सैन्य अभ्यास
चीन की वायुसेना ने सोमवार से दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास शुरू किया है। यह अभ्यास पश्चिमी प्रशांत महासागर में किया जा रहा है। सोमवार को चीनी वायुसेना के विमानों ने ताइवान और फिलीपींस को अलग करने वाले बाशी चैनल से होकर उड़ानें भरीं। इनमें बमवर्षक विमान के अलावा फाइटर जेट और हवा में ईधन भरने में सक्षम विमान शामिल थे। चीन द्वारा दक्षिण और पूर्वी चीन सागर में दावा ठोकने के कारण इस पूरे क्षेत्र में तनाव है।
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