कराची में मच रहा है बवाल और पाकिस्तान को हो रही है कश्मीर की चिंता
भारत को मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले पाकिस्तान में मुहाजिर और बलोच ग्रुप के लोगों का भारतीय कश्मीरी लोगों से बहुत अधिक बुरा हाल है
वाशिंगटन। कश्मीर के मुद्दे का राग अलापने वाले पाकिस्तान की दोगली नीति एक बार फिर से जगजाहिर हो गई है। बंंटवारे के समय बेहतर कल की तलाश में हिंदुस्तान से पाकिस्तान गए मुसलमानों का बहुत बुरा हाल है। शनिवार को अमेरिका में पाकिस्तान के विस्थापित मुसलमानों ने व्हाइट हाउस के बाहर मार्च निकाला जहां उनकी पाकिस्तान सेना समर्थक समूहों से झड़प हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस को इन्हें अलग कराना पड़ा।
मुहाजिरों को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शन
दरअसल शनिवार को पाकिस्तान में मौजूद विस्थापित मुसलमानों के साथ हो रहे अत्याचार के विरोध में मुत्तहादी कौमी मूूवमेंट के बैनर तले कई लोगों ने व्हाइट हाउस के बाहर मार्च निकाला। इस दौरान मुत्तेहादी कौमी मूूवमेंट के प्रमुख अल्ताफ हुसैन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मार्च में शामिल लोगों को संबोधित किया। अल्ताफ हुसैन को देश निकाला दे दिया गया है और वो पिछले दो दशकों से लंदन में रह रहे हैं और बंंटवारे के बाद पाकिस्तान आए विस्थापित मुसलमानों के हक की लड़ाई लड़ रहे हैं।
ओबामा प्रशासन से मदद की गुहार
अल्ताफ हुसैन और उनके समर्थकों ने पाकिस्तान स्थित पंजाब प्रांत और कराची में विस्थापित मुसलमान जिन्हें मुहाजिर कहा जाता हैं उनके साथ हो रहे अत्याचार और सेना द्वारा की जा रही उनकी हत्या के मामले में ओबामा प्रशासन से दखल देने की गुहार लगाई। अल्ताफ हुसैन को पाकिस्तान में भगोड़ा माना जाता है और यहां तक की भारत में मारे गए आतंकी के लिए आंसू बहाने वाली पाकिस्तानी मीडिया भी अल्ताफ हुसैन की मांग को गंभीरता से नहीं लेती है।
कराची में मुहाजिरों के साथ जानवरों जैसा बर्ताव
अल्ताफ हुसैन ने अमेरिका से अपील की है कि वो कराची में एक दल भेजकर पता लगाएं कि वहां किस कदर मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। दरअसल पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग और इमरान खान की पार्टी तहरीकःए-इंसाफ के समर्थक विस्थापित मुसलमानों यानी मुहाजिरों को देशद्रोही मानते हैं। उनका मानना है कि ये लोग भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसी रॉ के एजेंट हैं।
भारत को मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले पाकिस्तान में मुहाजिर और बलोच ग्रुप के लोगों का भारतीय कश्मीरी लोगों से भी बुरा हाल है मगर पाकिस्तान उनकी मदद करने या उनको न्याय देने की बजाय भारत को कश्मीरपर नसीहत दे रहा है।
संयुक्त राष्ट्र से दखल देने की अपील
संयुक्त राष्ट्र के बाहर हुआ प्रदर्शन ठीक वैसा ही है जैसा कश्मीर में अलगाववादी करते हैं। आजादी-आजादी के नारे लगाने वाले ये लोग दरअसल अमेरिका में मुहाजिर कौमी मुवमेंट यानि MQM के सदस्य थे। संगठन के लोगों ने कहा कि जिस वक्त पीएम नवाज शरीफ संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर को लेकर भारत के अत्याचारों की बात कर रहे थे उसी वक्त एमक्यूएम का अमेरिकी दल पाकिस्तान में पांच करोड़ मुहाजिरों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहा था।
इसमें भी पाक को नजर आती है भारत की साजिश
विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले अरशद हुसैन ने कहा कि पांच करोड़ मुहाजिरों और उनकी राजनीतिक पार्टियों को पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी के लोग भारतीय और रॉ के एजेंट कहते हैं। पाकिस्तान में उन्हें ना तो न्याय नहीं मिला और ना ही सुरक्षा इसलिए उन्हें संयुक्त राष्ट्र के दफ्तर के सामने प्रदर्शन करना पड़ रहा है। हालांकि पाकिस्तान का मानना है कि इसके पीछे भी भारत की ही साजिश है।