नहीं रहे पाक में लोगों के दिलों पर राज करने वाले अब्दुल सत्तार 'ईधी'
पाकिस्तान में लाखों दिलों पर राज करने वाले समाजसेवी अब्दुल सत्तार ईधी का कल देर रात निधन हाेे गया। वह 92 वर्ष के थे।
कराची। पाकिस्तान में गरीबों के मसीहा अब्दुल सत्तार ईधी का लंबी बीमारी के बाद कल निधन हो गया। गुजरात में जन्मे 92 वर्षीय ईधी ने अपनी पूरी जिंदगी मानवता और गरीबों की सेवा के लिए समर्पित कर दी थी। पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक कराची के नेशनल स्टेडियम में उनके लिए अंतिम प्रार्थना सभा रखी गई थी जिसमें हजारों की संख्या ने हिस्सा लिया।
इसमें शामिल होने वालों में कई बड़े नेता और सेना के उच्चाधिकारी भी थे। यहां पर उनके पार्थिव शरीर को सेना की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इस मौके पर पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ के साथ राष्ट्रपति ममनून हुसैन भी वहां मौजूद थे। राष्ट्रपति हुसैन ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
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उन्हें ईधी गांव में दफनाया जाएगा। उन्होंने खुद 25 वर्ष पहले ही उन्होंने यहां अपनी कब्र के लिए जगह भी चुन ली थी। ईधी ने यह गांव बेघरों, बेसहारों और बुजुर्गो के लिए बसाया था। उन्होंने इंतकाल से पहले ही अपने शरीर के अंगों को दान कर दिया था।' उनकी दोनों किडनियां 2013 में ही खराब हो गई थीं और डायलिसिस पर थे। नोबेल पुरस्कार के लिए कई बार नामित किए गए ईधी कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजे गए थे।
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ईधी का जन्म गुजरात में हुआ था और देश के बंटवारे के दौरान वह कराची जाकर बस गए थे। जून में पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने ईधी को इलाज के लिए विदेश भेजने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन उन्होंने यह कहते हुए प्रस्ताव ठुकरा दिया था कि वह पाकिस्तान के सरकारी अस्पताल में इलाज कराएंगे।
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