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पाकिस्तान ने कश्मीर के बहाने संयुक्त राष्ट्र को लिया आड़े हाथ

पाकिस्तान ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की जिम्मेदारी बनती है कि वह संयुक्त राष्ट्र के लिए हुए संकल्प को पूरा करने का कार्य करे।

By Gunateet OjhaEdited By: Updated: Thu, 12 May 2016 10:18 PM (IST)
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संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। पाकिस्तान ने कश्मीर का मुद्दा एक बार फिर से संयुक्त राष्ट्र में उठाया है। कहा है, कश्मीरियों को मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा जाना अन्याय है। संयुक्त राष्ट्र का इस ओर ध्यान न देना इस अंतरराष्ट्रीय संस्था के दोहरे मानदंड को दर्शाता है।

पाकिस्तान की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी ने संयुक्त राष्ट्र आमसभा में शांति और सुरक्षा विषय पर आयोजित सेमिनार में मामले को उठाते हुए कहा, अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की जिम्मेदारी बनती है कि वह संयुक्त राष्ट्र के लिए हुए संकल्प को पूरा करने का कार्य करे। उन्होंने कहा कि देश में संप्रभु बराबरी का सबका अधिकार है। अंतरराष्ट्रीय विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से बैठकर सुलझाया जाना चाहिए। सुरक्षा बलों के इस्तेमाल से नागरिकों की आवाज और उनके मूलभूत अधिकारों को नहीं दबाया जाना चाहिए।

मलीहा लोधी ने कहा, इन संकल्पों के बावजूद कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र के दोहरे मानदंड बने हुए हैं। वहां पर सेना का आक्रामक रवैया बरकरार है। इसे विदेशी हस्तक्षेप भी कहा जा सकता है। सेना के दबाव में आत्म निर्णय के अधिकार का दमन किया जा रहा है। लोग दबाव और अभावों के माहौल में रहने के लिए बाध्य हैं।

संयुक्त राष्ट्र को कश्मीर और फलस्तीन में इस तरह के अन्याय को खत्म करने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हमने जिन संकल्पों को पूरा करने की प्रतिबद्धता जतायी है, उन्हें सफलता के मुकाम तक पहुंचाएं। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह सोच मजबूत होगी कि संयुक्त राष्ट्र में कुछ ताकतवर देशों की मर्जी ही चलती है, कमजोरों की कोई नहीं सुनता।

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