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देशद्रोह मामले में मुझे अब भी सेना का समर्थन : मुशर्रफ

इस्लामाबाद। मुसीबतों से घिरे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति व सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने खुद पर लगे देशद्रोह के मामले को बदले की कार्रवाई बताते हुए इस बात को सिरे से खारिज किया कि सेना इस कानूनी लड़ाई में उनके साथ नहीं है। यह पूछे जाने पर कि क्या सेना ने उनका साथ छोड़ दिया है, मुशर्रफ ने कहा, 'ब्रिगेडियर

By Edited By: Updated: Mon, 30 Dec 2013 12:26 AM (IST)
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इस्लामाबाद। मुसीबतों से घिरे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति व सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने खुद पर लगे देशद्रोह के मामले को बदले की कार्रवाई बताते हुए इस बात को सिरे से खारिज किया कि सेना इस कानूनी लड़ाई में उनके साथ नहीं है।

यह पूछे जाने पर कि क्या सेना ने उनका साथ छोड़ दिया है, मुशर्रफ ने कहा, 'ब्रिगेडियर स्तर पर मैंने चीफ के तौर पर अपने जवानों की अगुआई की है। उन साढे़ छह लाख जवानों से पूछो।' मुशर्रफ ने कहा कि उन्होंने अपनी सेना का नेतृत्व एक कमांडर की तरह नहीं बल्कि एक नेतृत्वकर्ता की तरह किया है। उन्होंने कहा, 'असली नेतृत्व बिना कंधे पर सितारे धारण किए किया जाता है। इन सितारों को उतारकर फेंक दो और फिर देखो कि क्या तुम्हारे जवान तुम्हारी बात मानते हैं या नहीं।' मुशर्रफ ने कहा कि 6.5 लाख जवानों की पाकिस्तानी सेना ने उनका साथ नहीं छोड़ा है।

अपने फार्महाउस पर मीडिया से बातचीत में मुशर्रफ ने कहा कि उन पर लगे देशद्रोह के मामले से सेना खफा है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से इस मामले को पेश किया गया, उससे बदले की बू आती है। मुशर्रफ ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि पूरी सेना इससे बेहद खफा है. मुझे यह कहने में जरा भी संदेह नहीं है कि इस मामले में पूरी सेना मेरे साथ खड़ी है।' इससे पहले एक साक्षात्कार में मुशर्रफ ने नौ वर्ष के उनके शासनकाल में जाने-अनजाने में हुई किसी भी गलती के लिए माफी मांगी थी। तब मुशर्रफ ने कहा कि वह कायर की तरह पीठ दिखाकर नहीं भागेंगे और सभी मामलों का सामना करेंगे।

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