मुशर्रफ की सेहत 18 साल के युवक जैसी
चिकित्सकीय कारणों का हवाला देकर देशद्रोह मामले की सुनवाई से बच रहे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को अदालत में पेश होना ही पड़ेगा। उनकी मेडिकल रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद विशेष अदालत ने गुरुवार को उन्हें समन जारी कर 16 जनवरी को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। साथ ही संकेत
इस्लामाबाद। चिकित्सकीय कारणों का हवाला देकर देशद्रोह मामले की सुनवाई से बच रहे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को अदालत में पेश होना ही पड़ेगा। उनकी मेडिकल रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद विशेष अदालत ने गुरुवार को उन्हें समन जारी कर 16 जनवरी को उसके समक्ष पेश होने को कहा है। साथ ही संकेत दिया कि पेश न होने की सूरत में अदालत उनके खिलाफ कार्यवाही कर सकती है। 70 वर्षीय मुशर्रफ के खिलाफ वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के लिए देशद्रोह का मुकदमा चलाया जा रहा है।
गुरुवार को सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के वकील अकरम शेख ने मुशर्रफ के स्वास्थ्य की तुलना 18 वर्षीय स्वस्थ युवक से की। उन्होंने दलील दी कि मेडिकल रिपोर्ट में ऐसा कोई कारण नहीं बताया गया है जिसकी वजह से वह देशद्रोह मामले में पेश नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि गत दो जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद पूर्व सेना प्रमुख को एंजियोग्राफी कराने की भी जरूरत नहीं पड़ी। यह साबित करता है कि उनकी हालत गंभीर नहीं है। शेख ने दावा किया कि मुशर्रफ की मेडिकल रिपोर्ट किसी खिलाड़ी के समान है। उनके दिल की हालत 18 वर्षीय युवक की तरह है। जबकि मुशर्रफ के वकील अहमद रजा कसूरी ने दलील दी कि पूर्व राष्ट्रपति को और आराम की जरूरत है। उनके मुताबिक मुशर्रफ की हालत गंभीर है। अदालत के बाहर उन्होंने कहा कि अस्पताल अपने मरीज को निकाल नहीं सकता। कहीं और इलाज कराने का मुशर्रफ के पास विशेषाधिकार है। पाकिस्तान में बहुत सारे अच्छे अस्पताल हैं। उन्हें उपचार के लिए विदेश भेजने की जरूरत नहीं है। मुशर्रफ की विदेश यात्रा पर प्रतिबंध है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि उनके स्वास्थ्य का हवाला देकर अधिकारी उन्हें इलाज के लिए विदेश भेज सकते हैं। गत दो जनवरी को विशेष अदालत जाने के दौरान दिल का दौरा पड़ने पर मुशर्रफ को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले दो बार घर के पास विस्फोटक मिलने के बाद वह अदालत में पेश नहीं हुए थे।