जी-20 में बोले प्रधानमंत्री, दक्षिण एशिया का एक देश फैला रहा है आतंकवाद
जी 20 सम्मेलन के अंतिम दिन पीएम मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि दक्षिण एशिया का एक देश पूरे क्षेत्र में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए अपने एजेंट भेज रहा है।
हांगझाउ (जेएनएन)। जी 20 देशों की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में पाक का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्होंने साफतौर पर कहा कि दक्षिण एशिया में केवल एक ऐसा देश है जो पूरे क्षेत्र में आतंकवाद को फैलानेे के लिए एजेंट भेज रहा है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि ऐसे देशों को अलग थलग करने की जरूरत है। इसके अलावा उनपर प्रतिबंध भी लगाया जाना चाहिए।
अपने संबाेधन में उन्होंने कालेधन के खिलाफ सरकारों को कड़ा रुख अपनाने का संदेश दिया है। उन्होंने सभी देशों से अपील की है कि वह कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रवैया अपनाकर अपने देश को शरणगाह के तौर इस्तेमाल न होने दें। इसके साथ ही उन्होंने विकास और सहयोग के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लगातार बातचीत करने पर जोर दिया है।
बैंकिंग गोपनीयता खत्म करने की अपीलपीएम ने सदस्य देशों से कहा कि उन्हें अत्यधिक बैंकिंग गोपनीयता खत्म करने की ओर कदम बढ़ाना चाहिए।उन्होंने कहा कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ पहल करने के वास्ते पूर्ण प्रतिबद्धता और आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने की जरूरत है। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, कि प्रभावी वित्तीय संचालन के लिए भ्रष्टाचार, कालाधन और कर चोरी से निपटना महत्वपूर्ण है। इसके लिए हमें आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह खत्म करने, धन शोधन करने वालों की तलाश और उनका बिना शर्त प्रत्यर्पण करने, जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों के जाल को तोड़ने और अत्यधिक बैंकिंग गोपनीय खत्म करने के लिए प्रयास करने की जरूत है जो भ्रष्टाचार और उनके कारनामों पर पर्दा डालते हैं।
IMF से लगातार संवाद जरूरी
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह बेहद जरूरी है कि आईएमएफ से इस बाबत लगातार संवाद किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ भी सरकार कड़े कदम अपनाने की बात कही। उन्होंने बीईपीएस की सिफारिशों का समर्थन करते हुए सदस्य देशों को वर्ष 2017-2018 में इसको लागू करने पर भी जोर दिया।
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जी 20 की अहम बैठक के दौरान कल पीएम मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के दौरान एनएसजी पर चीन के सहयोग को लेकर भी बातचीत हुई। प्रधानमंत्री ने जिनपिंग से मुलाकात करते हुए कहा कि भारत और चीन की भागीदारी केवल इस क्षेत्र के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है। वहीं पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जिनपिंग ने कहा, 'उनका देश भारत से अच्छे रिश्ते चाहता है और वे भारत-चीन के संबंधों को और आगे ले जाना चाहते हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से पिछले तीन महीनों के दौरान पीएम मोदी की यह दूसरी मुलाक़ात थी।
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वियतनाम से बढ़ते भारत के रिश्तों से डरा चीनहालांकि जी 20 बैठक के शुरू होने से पहले चीन ने भारत और वियतनाम के बीच बढ़ते सहयोग पर चिंता जाहिर की थी। उसका कहना था कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसा चीन पर संयुक्त रूप से दबाव बनाने के लिए किया है, ताकि दोनों देश बीजिंग से सौदेबाजी कर सकें। चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया था कि दक्षिण चीन सागर के मुद्दे को देखते हुए, बीजिंग-हनोई रिश्ते पिछले वर्षो में सुचारू नहीं रहे हैं। वियतनामी लोगों के बीच बीजिंग के प्रति नकारात्मक भावनाएं बढ़ीं हैं।'
इसमें कहा गया है, 'इसके पीछे बुनियादी कारण भारत और वियतनाम के हित हैं। चीन के साथ बातचीत के दौरान नई दिल्ली और हनोई दोनों खुद को सौदेबाजी की स्थिति में रखना चाहते हैं, लेकिन उनमें से कोई बीजिंग से सीधे टकराव नहीं चाहता है।' हालांकि ऐसी संभावना को पूरी तरह नकारा नहीं जा सकता है, लेकिन दोनों में एक भी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभाएंगे।
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अास्ट्रेलिया के पीएम से मोदी ने की मुलाकात
इसके अलावा पीएम मोदी ने आस्ट्रेलिया के पीएम मैल्कम टर्नबुल से भी मुलाकात की और एनएसजी की सदस्यता के लगातार समर्थन देने के लिए आस्ट्रेलिया का धन्यवाद दिया तथा टर्नबुल को अगले वर्ष भारत आने का न्यौता दिया। इस मुलाकात के बाद यह माना जा रहा है कि आस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अगेल वर्ष भारत आ सकते हैं।
अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिले पीएम
पीएम मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति माउरीसियो मैकरी से मुलाकात कर उन्हें एनएसजी की सदस्यता मामले में भारत का समर्थन करने पर धन्यवाद दिया है। दोनों शीर्ष नेताओं ने कृषि, खनन और हाइड्रो कार्बन के क्षेत्र में सहयोग करने पर सहमति जताई है।
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हांगझाउ: जी-20 समिट से पहले पीएम मोदी- जिनपिंग में हुई मुलाकात