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वार्ता का उद्देश्य शरिया कानून लागू कराना है: तालिबान

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान [टीटीपी] ने कहा है कि वह पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने की लड़ाई लड़ रहा है। सरकार के साथ वार्ता का उद्देश्य इस कानून को लागू कराना है।

By Edited By: Updated: Sat, 08 Feb 2014 04:41 PM (IST)
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इस्लामाबाद। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान [टीटीपी] ने कहा है कि वह पाकिस्तान में शरिया कानून लागू करने की लड़ाई लड़ रहा है। सरकार के साथ वार्ता का उद्देश्य इस कानून को लागू कराना है।

बीबीसी उर्दू ने टीटीपी के प्रवक्ता शाहिदुल्लाह शाहिद के हवाले से कहा कि अगर देश में शरिया कानून लागू होता तो तालिबान ने सरकार के खिलाफ लड़ाई नहीं छेड़ी होती। हम शरिया कानून को अमल में लाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। सरकार के साथ वार्ता का उद्देश्य भी यही होगा। सरकार के वार्ताकारों की ओर से रखी जाने वाली शर्तो के बारे में पूछे जाने पर उसने कहा कि उनसे परामर्श किया जा रहा है। चार सदस्यीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल और तीन सदस्यीय तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच शांति वार्ता के पहले चरण की शुरुआत गत गुरुवार को हुई। यह बैठक दोनों पक्षों द्वारा भविष्य की वार्ता का खाका तैयार करने के साथ संपन्न हुई। हालांकि वार्ता के जरिए कोई हल निकलेगा इससे लेकर कई लोगों को संदेह है। सरकार की टीम ने प्रस्ताव रखा कि शांति वार्ता पाकिस्तान के संविधान के दायरे में होनी चाहिए।

गुप्त स्थान पर शुरू हुई पाक सरकार और तालिबान के बीच वार्ता

हालांकि तालिबान के वार्ताकार और लाल मस्जिद के मौलवी मौलाना अब्दुल अजीज ने शुक्रवार को कहा कि बातचीत इस्लामी कानून के दायरे में होगी। प्रवक्ता ने बताया कि टीटीपी अगले चार-पांच दिनों में तालिबान वार्ताकारों के साथ बैठक करेगा जिसमें उन्हें भविष्य की कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा।

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