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मलेशिया में सात हजार हिंदुओं को बनाया मुसलमान

मलेशिया में गुपचुप तरीके से सात हजार हिंदुओं की धार्मिक पहचान बदलने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय पहचान पत्र में इनलोगों को मुसलमान बताया गया है। शरई अदालत की अनुमति के बिना पीड़ित अपनी धार्मिक पहचान को सही नहीं करवा सकते हैं। मलेशिया हिंदू संगम के अध्यक्ष मोहन शान

By anand rajEdited By: Updated: Tue, 23 Feb 2016 10:11 PM (IST)
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कुआलालंपुर। मलेशिया में गुपचुप तरीके से सात हजार हिंदुओं की धार्मिक पहचान बदलने का मामला सामने आया है। राष्ट्रीय पहचान पत्र में इनलोगों को मुसलमान बताया गया है। शरई अदालत की अनुमति के बिना पीड़ित अपनी धार्मिक पहचान को सही नहीं करवा सकते हैं। मलेशिया हिंदू संगम के अध्यक्ष मोहन शान के हवाले से अखबार मलेशियन इनसाइडर ने यह खबर दी है।

अखबार के मुताबिक पूरे देश से इस तरह के मामले सामने आए हैं। ज्यादातर पीड़ित निम्न आय वर्ग से हैं। कुछ की पहचान सरकारी अधिकारियों की गलती से बदली है। वहीं, कइयों की गलत पहचान उनके माता-पिता ने ही जानबूझकर दर्ज कराई है। ऐसे बच्चों के माता-पिता में से एक पहले ही इस्लाम कुबूल कर चुके हैं। आठ गैर सरकारी हिंदू संगठनों ने इसकी पड़ताल के लिए एक संयुक्त जांच दल बनाया था। जांच दल ने ऐसे पांच सौ मामलों की पड़ताल कर चुकी है। इसके अनुसार पूरे देश में इस लापरवाही के करीब सात हजार हिंदू शिकार हुए हैं।

मामला सामने आने के बाद मुस्लिम वकीलों के संगठनों ने कहा है कि यदि कोई हिंदु इस गलती को दुरुस्त करवाना चाहता है तो वे उनकी मदद को तैयार हैं। मलेशिया में हिंदु बच्चों के पालन-पोषण का अधिकार हासिल करने के लिए इस तरह की गड़बड़ी के पहले भी मामले सामने आ चुके हैं। पिछले सप्ताह एक रेस्तरां की मालकिन एस दीपा को संघीय अदालत के हस्तक्षेप के बाद अपने दो बच्चों में से एक के पालन-पोषण का अधिकार मिल पाया था। उनके पति ने शादी के बाद इस्लाम कुबूल कर लिया और तलाक के बाद दोनों बच्चों के पालन का अधिकार शरई अदालत से हासिल कर लिया। बाद में संघीय अदालत ने इसे शरई अदालत के अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला बताते हुए दीपा को राहत दी थी।

इसी तरह 2009 में शिक्षिका एम इंदिरा गांधी के पति ने शादी के बाद इस्लाम कुबूल कर लिया। तलाक के बाद उसने इंदिरा की जानकारी के बगैर तीन नाबालिग बच्चों का धर्म परिवर्तित करवा दिया। बाद में इसी आधार पर उसने शरई अदालत से तीनों बच्चों के पालन-पोषण का अधिकार भी हासिल कर लिया। गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल मलेशिया में केवल 6.3 फीसद ही हिंदू हैं।

अमेरिका में हिंदू अध्ययन केंद्र नहीं

अमेरिका के कैलिफोर्निया इरविन यूनिवर्सिटी में हिंदू और भारत अध्ययन केंद्र के भविष्य पर सवाल खड़ा हो गया है। निर्माण के लिए मिले तीस लाख डॉलर (करीब 20.5 करोड़ रुपये) का अनुदान यूनिवर्सिटी ने वापस कर दिया है। संकाय सदस्यों और कुछ छात्रों ने अनुदान देने वालों पर दक्षिण चरमपंथी विचारधारा से प्रभावित होने का आरोप लगाया था। इसके बाद अनुदान लौटाने का फैसला किया गया।