ब्रह्मांड के रहस्यों का पता लगाएगा नासा
नासा ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति, विकास, विभाजन और जीवन के भविष्य के अध्ययन के लिए सात शोध टीमों को पांच करोड़ डॉलर (करीब 306 करोड़ रुपये) प्रदान किया है।
By Anjani ChoudharyEdited By: Updated: Tue, 07 Oct 2014 04:36 PM (IST)
वाशिंगटन। नासा ने ब्रह्मांड की उत्पत्ति, विकास, विभाजन और जीवन के भविष्य के अध्ययन के लिए सात शोध टीमों को पांच करोड़ डॉलर [करीब 306 करोड़ रुपये] प्रदान किया है।
नासा मुख्यालय में ग्रह विज्ञान डिवीजन के निदेशक जिम ग्रीन ने बताया, 'मंगल ग्रह के साथ ये शोध टीमें भविष्य के एस्ट्रोबायोलॉजी केंद्रित अभियानों से प्राप्त होने वाले आंकड़ों की व्याख्या करने में मदद करेंगी।' चयनित टीमों में नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर, एम्स रिसर्च सेंटर, जेट प्रोपल्सन लैब, एसईटीआइ इंस्टीट्यूट, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया और यूनिवर्सिटी ऑफ मोंटाना शामिल हैं। एक बयान में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि प्रत्येक टीम को औसतन 80 लाख डॉलर [करीब 49 करोड़ रुपये] की धनराशि प्राप्त होगी। नासा के एस्ट्रोबायोलॉजी प्रोग्राम की निदेशक मैरी वोय्तेक ने बताया कि एस्ट्रोबायोलॉजी ज्ञान की बहुत बड़ी गुंजाइश है। मसलन जीवन रहित ग्रहों से लेकर किस तरह जीवन पृथ्वी के कठोर वातारण के अनुकूल हुआ जिसे समझा जाएगा। नासा ने सूर्य पर विशाल तंतु का पता लगाया नासा के खगोलविदों ने सूर्य के अग्रभाग पर सौर सामाग्री का रेंगता विस्तृत तंतु यानी फिलामेंट का पता लगाया है।
नासा के सौर गतिविज्ञान वेधशाला या एसडीओ सूर्य पर हर रोज 24 घंटे नजर रखता है। इसने इस विशाल तंतु को देखा है। एक बयान में नासा ने बताया कि सौर सामग्री का बादल है और यह सूर्य के ऊपर शक्तिशाली चुंबकीय बल के माध्यम से लटका हुआ है। ये तंतु अस्थाई हैं लेकिन कई दिनों या कुछ सप्ताह तब बने रह सकते हैं। पढ़ें: मंगल संबंधी अध्ययन के लिए साथ आए नासा-इसरो