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रूस नाटो बॉर्डर पर तैनात करेगा मिसाइल, बढ़ेगा अमेरिका से तनाव

भविष्‍य में रूस और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ सकता है। इसकी वजह पौलेंड में नाटो द्वारा मिसाइल शील्‍ड बनाने के जवाब में रूस द्वारा भविष्‍य में नाटो बोर्डर पर मिसाइल तैनात करना है।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Thu, 23 Jun 2016 07:12 PM (IST)

मास्को (रायटर)। मास्को कालिनिनग्राद में वर्ष 2019 तक परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल तैनात करने की योजना बना रहा है। ऐसा करके वह बाल्टिक क्षेत्र में रूस अमेरिका समर्थित नाटो के मिसाइल कवच की जवाबी तैयारी में जुट गया है। रूस ने भविष्य में क्रीमिया में भी मिसाइलें तैनात करने की संभावना जताई गई है। गौरतलब है कि कालिनिनग्राद की सीमा से नाटो के सदस्य देशों पोलैंड और लिथुआनिया से लगती है।

अमेरिका के समर्थन से नाटो ने पोलैंड में मिसाइल शील्ड बनाया है। अमेरिका का कहना है कि यह रूस को निशाना बनाने के लिए नहीं है बल्कि ईरान से सुरक्षा के लिए यह कदम उठाया गया है। रूस इससे इत्तेफाक नहीं रखता है। विशेषज्ञों ने शीतयुद्ध के बाद सबसे खतरनाक तनाव की स्थिति उत्पन्न होने की आशंका जाहिर की है। रूस द्वारा नाटो के सदस्य देशों से घिरे कालिनिनग्राद में पांच सौ किलोमीटर तक मार करने में सक्षम अत्याधुनिक इस्कंदेर मिसाइल तैनात करने की बात कही जा रही है। ऐसी स्थिति में पोलैंड का दो तिहाई हिस्सा इसकी जद में आ जाएगा।

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रूस के आक्रामक रवैये को देखते हुए नाटो के सदस्य देश जुलाई में वारसा में बैठक करने वाले हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी पहले ही पोलैंड और बाल्टिक क्षेत्र में नया सैन्य कमान गठित करने की घोषणा कर चुका है, ताकि रूस को सख्त संदेश दिया जा सके। हालांकि, वारसा में नाटो के सदस्य देशों की बैठक से रूस के तेवर उग्र होने की संभावना जताई गई है।

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