वरिष्ठ अमेरिकी सांसदों ने मोदी के नेतृत्व को सराहा
अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। अमेरिकी सांसदों ने बुधवार को रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ने एक नए चरण में प्रवेश किया है।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 08 Jun 2016 06:31 PM (IST)
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत और अमेरिका के बीच सामंजस्य के नए भाव को प्रदर्शित करते हुए अमेरिका के वरिष्ठ सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की है। अमेरिकी सांसदों ने बुधवार को रेखांकित किया कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध ने एक नए चरण में प्रवेश किया है।
सराहना करने वाले अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों में प्रतिनिधि सभा की पूर्व स्पीकर नैन्सी पेलोसी (डेमोक्रेटिक पार्टी) और सीनेट आर्म्ड सर्विस कमेटी के चेयरमैन सीनेटर जॉन मैकिन (रिपब्लिकन पार्टी) शामिल हैं। अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआइबीसी) के सालाना कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने अपना संबोधन समाप्त करने के तुरंत बाद ही एक दर्जन से ज्यादा प्रभावशाली सांसदों के साथ बातचीत की। इसके बाद हुए भोज में मेज पर उनके साथ पेलोसी और मैकिन व अन्य बैठे। अमेरिकी कांग्रेस की संयुक्त बैठक को मोदी ने बुधवार को संबोधित किया। संबोधन की तरफ आशावादी दृष्टिकोण रखते हुए मैकिन ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई। यह भी पढ़ें- अमेरिका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं: मोदी
प्रधानमंत्री का स्वागत करती हुई पेलोसी ने कहा कि कैलिफोर्निया के गर्वनर और अपने स्टेट के अन्य नेताओं की तरफ से वह शुभकामना दे रही हैं। उन्होंने यह शुभकामना पिछले वर्ष सितंबर महीने में सिलिकन वैली में दिए गए प्रभावी भाषण के लिए दी। सदन की विदेशी मामलों की समिति के रैंकिंग सदस्य सांसद इलियट इन्गेल ने सितंबर 2014 में मैडिसन स्क्वायर गार्डन को याद किया। अन्य सांसदों ने भी उस कार्यक्रम की सराहना की।
सांसदों ने धार्मिक स्वतंत्रता पर बात करने को कहा दोनों दलों के 18 अमेरिकी सांसदों ने स्पीकर पाउल रेयान को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता का मुद्दा उठाने को कहा है। प्रधानमंत्री की रेयान के साथ मुलाकात होनी है। सांसदों ने मुस्लिम, ईसाई, बौद्ध और सिख सहित विभिन्न समुदायों की प्रताड़ना का मामला उठाने का अनुरोध किया है। यह भी पढ़ें- भारत-अमेरिका में करार, जून 2017 तक भारत में लगेंगे छह परमाणु प्लांट