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सार्क सम्‍मेलन में शरीफ को भारतीय कार भी मंजूर नहीं

संबंध सुधार के वादों की सीमा पर धज्जियां उड़ाने के साथ ही पाकिस्तान दक्षिण एशियाई देशों के मंच पर भी कड़वाहट के निशान छोडऩे से बाज नहीं आ रहा। उसने 26-27 नवंबर को काठमांडू में 18वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान भारत से भेजी गई बुलेटप्रूफ गाड़ी लेने से इन्कार

By Kamal VermaEdited By: Updated: Tue, 18 Nov 2014 05:11 AM (IST)
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नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। संबंध सुधार के वादों की सीमा पर धज्जियां उड़ाने के साथ ही पाकिस्तान दक्षिण एशियाई देशों के मंच पर भी कड़वाहट के निशान छोडऩे से बाज नहीं आ रहा। उसने 26-27 नवंबर को काठमांडू में 18वें सार्क शिखर सम्मेलन के दौरान भारत से भेजी गई बुलेटप्रूफ गाड़ी लेने से इन्कार कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक पाक सरकार ने नेपाल को सूचित किया है कि सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए कार का इंतजाम वह खुद करेगी। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगस्त में हुई नेपाल यात्रा के दौरान मेजबान प्रधानमंत्री सुशील कुमार कोईराला को सार्क सम्मेलन के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया था। नेपाल के आग्र्रह पर छह बुलेटप्रूफ गाडिय़ों समेत 32 कारों का काफिला काठमांडू रवाना कर दिया गया है। 11 दिनों के लिए नेपाल भेजी गई कारों का किराया भी भारत ही देगा।

सड़क मार्ग से जाएंगे मोदी

सार्क शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सड़क मार्ग से काठमांडू जाएंगे। भारत ने विदेशी शासनाध्यक्षों के लिए बुलेटप्रूफ गाडिय़ों के इंतजाम में मुश्किल से जूझ रहे नेपाल की ओर मदद का हाथ बढ़ाया है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत भारत ने अपने सरकारी पूल के अलावा निजी एजेंसियों से लग्जरी कारों का काफिला भी नेपाल को मुहैया कराया है। सूत्रों के अनुसार इसमें बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें हैं। इनका इस्तेमाल सम्मेलन में भाग लेने आ रहे शासन प्रमुखों और विदेश मंत्रियों के अलावा पर्यवेक्षक देशों के प्रतिनिधियों के लिए किया जाना है।

मोदी के एजेंडे पर सरकार

सार्क शिखर सम्मेलन के आयोजन में नेपाल की मदद कर भारत सरकार प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे पर काम करती दिख रही है। मोदी ने मई 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क शासनाध्यक्षों को न्योता देकर स्पष्ट कर दिया था कि पड़ोसियों से सहयोग उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। मोदी अपने छह महीने के कार्यकाल में तीन पड़ोसी मुल्कों का दौरा कर चुके हैं, जिनमें से नेपाल व भूटान सार्क के सदस्य हैं।

'मेजबान होने के नाते अतिथियों के लिए हमने भोजन, आवास और वाहनों का इंतजाम किया है। इसके बावजूद यदि कोई अपनी गाड़ी लाना चाहता है, तो हमें कुछ नहीं कहना।' -खगनाथ अधिकारी, नेपाली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता

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