मनुष्य की स्मृति का आधार बन सकती हैं गंध
खुशबू और गंध मनुष्य के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण स्मृतियों का आधार तैयार कर सकती हैं। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस खोज से मस्तिष्क में स्मृति बनने और इसके पुनरद्धार संबंधी समस्याओं का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है। यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय अध्यय
By Edited By: Updated: Mon, 24 Mar 2014 12:33 PM (IST)
मेलबोर्न। खुशबू और गंध मनुष्य के जीवन की कुछ महत्वपूर्ण स्मृतियों का आधार तैयार कर सकती हैं। एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस खोज से मस्तिष्क में स्मृति बनने और इसके पुनरद्धार संबंधी समस्याओं का शीघ्र पता लगाने में मदद मिल सकती है।
यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन दल ने गंध और स्मृति के संबंधों के बारे में समझ ब़़ढाने में मदद की है। अध्ययन में पाया गया है कि मधुमक्खियों में महक संबंधी स्मृति उनके एंटीना में ग्राहियों (रिसेप्टर) को नियंत्रित करती है। क्वींसलैंड ब्रेन इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक डॉक्टर जुडीथ रेनहार्ड और एसोसिएट प्रोफेसर चार्ल्स क्लाउडियानोस ने बताया कि मधुमक्खी का एंटीना मनुष्य के नाक की तरह काम करता है। पढ़ें : अब शरीर की गंध से होगी आपकी पहचान पढ़ें : तनाव में पुरुष आत्मकेंद्रीत तो महिलाएं हो जाती हैं ज्यादा सामाजिक