अंतरिक्ष स्टेशन नेे किया कमाल, धरती के 1 लाख चक्कर लगाए
नासा के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) ने सोमवार को धरती के एक लाख चक्कर पूरे कर लिए।यह दूरी उतनी है, जितने में मंगल ग्रह के 10 ट्रिप हो सकते हैं
By anand rajEdited By: Updated: Tue, 17 May 2016 11:21 AM (IST)
केप कनावरल। अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आइएसएस) ने सोमवार को धरती के एक लाख चक्कर पूरे कर लिए। यह जानकारी रशियन मिशन कंट्रोल की ओर से दी गई। रुसी-अमेरिकी सहयोग का प्रतीक आईएसएस का कंट्रोल सेंटर मॉस्को में स्थित है। इस सेंटर ने एक बयान में कहा कि आज आईएसएस ने धरती के 1 लाख चक्कर पूरे कर लिए हैं।
अंग्रेजी वेबसाइट डेक्कन क्रोनिकल के मुताबिक, नासा ने बताया कि 400 किमी की ऊंचाई पर 28 हजार किमी प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा करते हुए स्पेस स्टेशन हर 90 मिनट में धरती का एक चक्कर पूरा करता है। अब तक आईएसएस 2.6 अरब मील की यात्रा कर चुका है। नासा ने स्टेशन के आधिकारिक टि्वटर फीड पर जानकारी दी कि यह दूरी उतनी है, जितने में मंगल ग्रह के 10 ट्रिप हो सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय अंतरीक्ष स्टेशन को इस दूरी को तय करने में लगभग साढ़े 17 वर्ष लग गए।ये भी पढ़ेंः शो के दौरान एंकर बांह ढंकने के लिए टोका, सोशल मीडिया पर बवाल अमेरिका के फ्लाइट इंजीनियर जेफ विलियम्स ने स्टेशन से भेजे एक वीडियो में कहा कि यह एक अहम मील का पत्थर है और इसका श्रेय अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को दिया जाना चाहिए, जिसमें यूरोपियन स्पेस एजेंसी, रूस, कनाडा, जापान और अमेरिका शामिल हैं। इस वीडियो को नासा ने टि्वटर पर पोस्ट किया है।
विलियम आईएसएस मिशन की तीसरी यात्रा पर हैं और वर्तमान में आईएसएस में सवार हैं। उनके साथ नासा के एस्ट्रोनॉट टिमोथी कोपरा, ब्रिटेन के टिम पीक और रूस के यूरी मालेनचेंको, एलेक्जी ओवचिनिन और ओलेग स्क्रिपोचका आईएसएस में हैं।ये भी पढ़ेंः अब हर घर में होगा निजी विमान, गार्डन से ही भर सकेंगे उड़ान
दो मॉड्यूल्स से शुरू हुआ आईएसएस अब 15 मॉड्यूल तक फैल चुका है और यह अंतरिक्ष में उतनी जगह घेरे है, जितना बड़ा एक फुटबॉल का मैदान होता है। इसमें अब तक करीब 100 अरब डॉलर का निवेश हो चुका है। स्टेशन में आमतौर पर छह क्रू मेंबर्स रहते हैं और उन्हें सोयुज कैप्सूल के जरिये धरती से वहां लाया-ले जाया जाता है। रूसी मिशन कंट्रोल ने बताया कि अपने अभी तक के जीवनकाल में 15 देशों के 226 लोग आईएसएस में जा चुके हैं। उम्मीद है कि आईएसएस 2024 तक काम करता रहेगा।ये भी पढ़ेंः विदेश से जुड़ी सभी खबरों के लिए यहां क्लिकर करें