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रूस से बातचीत के लिए सीरियाई विद्रोही तैयार

सीरियाई संकट का राजनीतिक समाधान तलाशने की दिशा में रूस को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ संघर्षरत समूहों के प्रमुख संगठन फ्री सीरियन आर्मी (एफएसए) रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार होगा। अगले सप्ताह के अंत में अबुधाबी में संगठन के

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2015 06:56 PM (IST)
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मॉस्को, रायटर : सीरियाई संकट का राजनीतिक समाधान तलाशने की दिशा में रूस को बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ संघर्षरत समूहों के प्रमुख संगठन फ्री सीरियन आर्मी (एफएसए) रूस के साथ बातचीत के लिए तैयार होगा। अगले सप्ताह के अंत में अबुधाबी में संगठन के प्रतिनिधिमंडल और रूसी विदेश व रक्षा अधिकारियों के बीच बातचीत होगी।

रूसी संवाद एजेंसी स्पूतनिक ने सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है। इसके मुताबिक आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) और नुसरा फ्रंट के खिलाफ एकजुट लड़ाई पर बातचीत होगी। साथ ही संकट के राजनीतिक समाधान पर भी चर्चा की जाएगी। इस बीच, रूस ने लड़ाकू विमानों को मार गिराने वाले एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सीरिया भेजे हैं। रूसी अधिकारियों ने बताया कि इस तैनाती का मकसद हवाई हमले में शामिल विमानों को खतरे से बचाना है। सीरिया में रूस ने सितंबर के अंत में हवाई हमले शुरू किए थे।

आशंका

एफएसए से जुड़े कुछ समूहों ने रूसी अधिकारियों के साथ बैठक की संभावनाओं को खारिज कर दिया है। यारमुक आर्मी के राजनीतिक मामलों के प्रमुख बशर अल जुबी ने कहा है कि हम रूस के संपर्क में नहीं हैं। उसके साथ बातचीत करने वाले लोग असद के समर्थक हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने एफएसए ने रूस की मदद की पेशकश ठुकराते हुए अपना प्रतिनिधिमंडल मॉस्को भेजने से इन्कार कर दिया था। मंगलवार को रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल बोगदानोव ने बताया था कि अगले सप्ताह मॉस्को में सीरियाई सरकार के साथ बातचीत के प्रस्ताव का विद्रोहियों ने जवाब नहीं दिया है।

आइएस से छीनी जमीन

अमेरिका ने बताया है कि सीरिया अरब कोलिएशन नामक समूह ने आइएस से 255 वर्गकिमी इलाका छीन लिया है। यह सफलता पिछले सप्ताह इराकी सीमा से सटे अल आवल शहर के पास मिली। बगदाद में अमेरिकी सेना के प्रवक्ता स्टीव वारन ने बताया कि इस दौरान हवाई हमलों में 79 आतंकी मारे गए। लड़ाई में समूह के करीब एक हजार लड़ाकों ने हिस्सा लिया था। वारेन ने कहा कि अमेरिका इस समूह को हथियारों की अतिरिक्त मदद देने पर विचार कर रहा है। 12 अक्टूबर को अमेरिका ने इस समूह के लिए 50 टन गोला-बारूद आसमान से गिराए थे।