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सीरिया में पांच हजार से ज्यादा लोगों की मौत

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि सीरिया में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई में पाच हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। उन्होंने सिफारिश की कि मानवता के विरुद्ध अपराध के लिए राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन का मामला अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में भेजा जाना चाहिए।

By Edited By: Updated: Tue, 13 Dec 2011 02:54 PM (IST)
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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने सुरक्षा परिषद को बताया है कि सीरिया में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई में पाच हजार से अधिक लोग मारे गए हैं। उन्होंने सिफारिश की कि मानवता के विरुद्ध अपराध के लिए राष्ट्रपति बशर अल असद के शासन का मामला अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में भेजा जाना चाहिए।

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयुक्त नवी पिल्लै ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद को यहा बंद कमरे में हुई बैठक में नौ महीने के विद्रोह के दौरान सीरिया में मानवाधिकार उल्लंघन और जनहानि के जारी रहने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मरने वालों में 300 से अधिक बच्चे थे।

पिल्लै ने कहा कि उन्होंने अगस्त में परिषद को सूचित किया था कि नागरिकों के खिलाफ हिंसक कार्रवाई में दो हजार जानें गई हैं, लेकिन चार महीने की अवधि में मृतकों की संख्या दोगुने से अधिक हो चुकी है। उन्होंने संवाददातओं को बताया कि मंगलवार को मैंने सूचित किया कि यह संख्या पाच हजार से अधिक है और 300 से अधिक बच्चे मारे गए हैं। पिल्लै ने कहा कि बड़े पैमाने पर हत्याओं और हिरासत केंद्रों में हजारों लोगों को प्रताड़ित किए जाने सहित नागरिकों पर सीरिया सरकार की बर्बर कार्रवाई मानवता के खिलाफ अपराध है और 'मैंने सिफारिश की है कि मामला अंतरराष्ट्रीय अपराध अदालत में भेजा जाना चाहिए।'

उन्होंने कहा कि उनके द्वारा दी गई जानकारी को काफी गंभीरता से लिया गया और परिषद में हर किसी ने कहा कि इस हिंसा को रोकना होगा। बाद में ब्रिटेन, फ्रास जर्मनी, पुर्तगाल और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने सीरिया में बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि असद प्रशासन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निष्क्रियता लंबे समय तक नहीं चलनी चाहिए। परिषद ने अब तक एक बयान जारी किया है जिसमें सीरिया सरकार से हिंसा रोकने को कहा गया है।

बयान अगस्त में परिषद की भारत की अध्यक्षता में पारित किया गया था। अक्टूबर के अंत में रूस और चीन ने परिषद के उस प्रस्ताव को वीटो कर दिया था जिसमें सीरिया में हिंसा की निन्दा की गई थी।

संयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के प्रतिनिधि मार्क लियान ग्राट ने पिल्लै द्वारा दी गई जानकारी को [वास्तव में दुखद] करार दिया और कहा कि परिषद में पिछले दो साल में हमें मिली जानकारियों में यह सर्वाधिक भयावह है। उन्होंने कहा कि परिषद अरब लीग के संपर्क में रहेगी और परिस्थिति के अनुसार फैसला करेगी कि सीरिया के संबंध में अगला कदम क्या उठाया जाए।

संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी, रूस, फ्रास और अमेरिका के प्रतिनधियों ने भी सीरिया की स्थिति पर चिंता जताई।

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