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साउथ चाइना सी पर बढ़ी टेंशन, ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद ताइपे ने भेजा युद्धपोत

साउथ चाइना सी पर इंटरनेशनल कोर्ट की तरफ से आए फैसले से नाखुश वियतनाम में अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए जंगी जहाज भेज दिया है।

By Rajesh KumarEdited By: Updated: Wed, 13 Jul 2016 08:13 PM (IST)
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ताइपे, एएफपी। साउथ चाइना सी पर चीन के एकाधिकार के दावे को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल की तरफ से खारिज करने और ताइपे के दावे को कमजोर बताने के महज एक दिन बाद ही ताइवान ने अपने समुद्री सीमा की रक्षा के लिए अपना युद्धपोत भेज दिया है।

ताइवान की राष्ट्रपति साइ इंग-वेन ने युद्धपोत के डेक पर सैनिकों से कहा कि ताइवानी ‘अपने देश के अधिकारों की रक्षा’ के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बाद यह पोत दक्षिणी शहर काओहसिउंग से ताइवान के नियंत्रण वाले तेपिंग द्वीप के लिए रवाना हो गया। यह द्वीप स्पार्टले नामक द्वीप श्रृंखला में स्थित है।


इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल ने मंगलवा को फैसला सुनाते हुए कहा था कि चीन के दावे वाली ‘नाइन डैश लाइन’ पर चीन का कोई ऐतिहासिक अधिकार नहीं है और उसने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र में फिलीपीन के संप्रभुत्ता के अधिकारों का उल्लंघन किया है। विशेष तौर पर ताइपै के लिए इसने फैसला सुनाया कि स्पार्टलेज श्रृंखला में सबसे बड़ा द्वीप यानी ताइवान प्रशासित तेइपिंग कानूनी तौर पर एक ‘चट्टान’ है और यह उसे एक विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र नहीं बनाता।

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युद्धपोत से उतरने से पहले तायवान के राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह गश्त अभियान ताइवानी जनता की अपने देश के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता दिखाएगा।’ रक्षा मंत्रालय ने ‘‘ताइवान के क्षेत्र और संप्रभुता की दृढ़तापूर्वक रक्षा’ करने का संकल्प लिया और कहा कि इस फैसले की वजह से रणनीतिक समुद्र में ताइवान के दावों में कोई बदलाव नहीं आएगा। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए ही उसने युद्धक पोत तैनात किया है।