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तहरीक-ए-तालिबान शांति वार्ता के लिए तैयार

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने रविवार को खैबर पख्तूनख्वा में सेना के काफिले पर हमले के तुरंत बाद शांति वार्ता के लिए रजामंदी दे दी। टीटीपी के प्रवक्ता शहीदुल्ला शाहिद ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमने अपने नेताओं हकीमुल्ला महसूद और वली उर रहमान की मौत का बदला ले लिया है। शाहिद ने कहा, शांति

By Edited By: Updated: Mon, 20 Jan 2014 12:55 AM (IST)
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इस्लामाबाद। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने रविवार को खैबर पख्तूनख्वा में सेना के काफिले पर हमले के तुरंत बाद शांति वार्ता के लिए रजामंदी दे दी। टीटीपी के प्रवक्ता शहीदुल्ला शाहिद ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमने अपने नेताओं हकीमुल्ला महसूद और वली उर रहमान की मौत का बदला ले लिया है।

तालिबान के अगले निशाने पर कश्मीर

शाहिद ने कहा, शांति वार्ता को लेकर हमारा रुख साफ है। यदि सरकार जिम्मेदारी पूर्ण रवैया अपनाए तो हम अपने भारी नुकसान को भूलकर वार्ता के लिए आगे आएंगे। हमें लगता है कि पाकिस्तान सरकार के पास न तो वार्ता के लिए ताकत है न ही इच्छाशक्ति। यदि उनकी नीयत साफ होती तो शांति वार्ता प्रक्रिया के दौरान हमारे दोनों नेताओं पर अमेरिका ने ड्रोन हमले नहीं किए होते।

वहीं विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने सरकार से टीटीपी के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने की मांग की है। पीपीपी महासचिव लतीफ खोसा ने कहा कि सरकार के शांति वार्ता प्रयास असफल हो चुके हैं। देश में शांति और व्यवस्था कायम रखने के लिए सैन्य अभियान समेत अन्य विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए।

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