Move to Jagran APP

सांत्वना देने पाकिस्तान पहुंचा अमेरिकी दल

ड्रोन हमले में तालिबान सरगना के मारे जाने के बाद सांत्वना देने पाकिस्तान पहुंचा अमेरिकी दल।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Updated: Fri, 10 Jun 2016 07:37 PM (IST)
Hero Image

इस्लामाबाद, प्रेट्र। रिश्तों की तपिश के बीच एक उच्च स्तरीय अमेरिकी दल शुक्रवार को पाकिस्तान पहुंचा। दल में अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (अफगानिस्तान और पाकिस्तान मामले) के वरिष्ठ निदेशक पीटर लेवॉय और दोनों देशों के लिए विशेष प्रतिनिधि रिचर्ड ओल्सन भी शामिल हैं। यह दल ड्रोन हमलों के बाद की स्थितियों, रक्षा मामलों और अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण के मामलों पर पाकिस्तान के साथ चर्चा करेगा।

तालिबान सरगना के मारे जाने पर भी विरोध जताएगा

हाल में अमेरिकी ड्रोन हमले में बलूचिस्तान में अफगान तालिबान के सरगना मुल्ला मंसूर के मारे जाने और भारत के साथ अमेरिका की नजदीकी के चलते पाकिस्तान बेचैनी महसूस कर रहा है। पाकिस्तान ने इस ड्रोन हमले का कड़ा विरोध किया था। अफगानिस्तान में शांति स्थापित करवा पाने में पाकिस्तानी विफलता और एनएसजी मुद्दे पर भारत को अमेरिका के समर्थन से भी दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी आई है। आठ एफ-16 लड़ाकू विमानों का सौदा न हो पाना भी पाकिस्तान को खला है। अमेरिकी दल के दौरे पर पाकिस्तानी विदेश विभाग ने कहा, बातचीत के मुद्दे साफ हैं। हम ड्रोन हमलों और आपसी रिश्तों पर गंभीरता से बात करेंगे।

पढ़ें- 'उसे नहीं पता था कि उसकी गाड़ी में जो बैठा है वो मुल्ला मंसूर है'

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के विदेशी मामलों के सलाहकार सरताज अजीज के अनुसार न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (एनएसजी) में भारत की सदस्यता का अमेरिकी समर्थन भेदभावपूर्ण है। अमेरिका और भारत के बीच हुए समझौतों ने क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल पैदा किया है। बैठक में पाकिस्तान 21 मई के ड्रोन हमले पर विरोध व्यक्त करेगा। यह हमारी संप्रभुता के उल्लंघन का मामला है। इसने अफगानिस्तान के लिए चल रही शांति वार्ता को चोट पहुंचाई है। हम इन बातों पर विस्तार से बात करेंगे।