तुर्की: तख्तापलट की साजिश में शामिल होने के शक में दो जनरल गिरफ्तार
तुर्की ने तख्तापलट की नाकाम साजिश के बाद आज अफगानिस्तान में तैनात अपने दो जनरलों को हिरासत में ले लिया है। इन्हें यूएई की मदद से पकड़ा गया है।
अंकारा (राॅॅयटर)। तुर्की ने तख्तापलट षड़यंत्र में शामिल होने के संदेह में आज अफगानिस्तान में तैनात अपने दो जनरलों को हिरासत में लिया है। सरकारी न्यूज एजेंसी एनाडोलू के अनुसार तुर्की के टॉस्क फोर्स के मेजर जनरल मेहमेत केहित बाकिर और ब्रिगेडियर जनरल सेनेर टॉपक को दुबई एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया। वे दोनों अफगानिस्तान में तैनात थे और उन्हें संयुक्त अरब अमीरात की मदद से पकड़ा गया है।
इससे पहले कल तुर्की ने मीडिया पर अपना शिकंजा कसते हुए करीब 42 पत्रकारों को भी हिरासत में ले लिया था। वहीं तुर्की एयरलाइंस ने भी करीब सौ से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। इस बीच एक सर्वे में तुर्की के दो तिहाई लोगों ने माना है कि तख्तापलट की साजिश के पीछे अमेरिका में रह रहे मुस्लिम धर्मगुरु फतुल्लाह गुलेन का हाथ है। हालांकि गुलेन इन आरोपों से साफ इंकार कर चुके हैं।
तुर्की ने मीडिया पर कसा शिंकजा, 42 पत्रकार गिरफ्तार
एंडी-एआर सर्वे के अनुसार, 64.4 फीसद प्रतिभागियों का मानना है कि तख्तापलट के पीछे गुलेन का हाथ रहा। 3.8 फीसद ने अमेरिका और 3.6 फीसद लोगों ने विदेशी ताकतों को जिम्मेदार ठहराया। जबकि 2.2 फीसद लोगों ने राष्ट्रपति एर्दोगन की ओर अंगुली उठाई है। 81.5 फीसद लोगों ने कहा कि गुलेन को तुर्की लाया जाना चाहिए। सरकार उन्हें अमेरिका से प्रत्यर्पित करने का पहले ही आग्रह कर चुकी है। एक दिन पहले तुर्की के विदेश मंत्री ने कहा था कि अगर अमेरिका गुलेन को प्रत्यर्पित नहीं करना है तो इसका संबंधों पर असर पड़ेगा।
मार गिराए गए फ्रांस के चर्च में घुसे दोनों हमलावर, पादरी की भी मौत
गौरतलब है कि राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के खिलाफ 15 जुलाई को तख्तापलट का प्रयास हुआ था, जिसे जनता के सड़क पर उतरने के बाद नाकाम कर दिया गया था। तब से 60 हजार से अधिक सैनिक, पुलिसकर्मी, जज, शिक्षक और लोक सेवक पकड़े या निलंबित किए जा चुके हैं।