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अमेरिका ने ब्रिटेनवासियों की भी जासूसी की

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] ने लंदन के साथ गोपनीय करार के तहत ब्रिटिश नागरिकों का व्यक्तिगत इलेक्ट्रानिक डाटा संग्रहित किया था। पूर्व एनएसए कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक किए गए दस्तावेज के हवाले से ब्रिटिश मीडिया ने यह बात कही है।

By Edited By: Updated: Thu, 21 Nov 2013 06:53 PM (IST)
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लंदन। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी [एनएसए] ने लंदन के साथ गोपनीय करार के तहत ब्रिटिश नागरिकों का व्यक्तिगत इलेक्ट्रानिक डाटा संग्रहित किया था। पूर्व एनएसए कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन द्वारा लीक किए गए दस्तावेज के हवाले से ब्रिटिश मीडिया ने यह बात कही है।

गार्जियन अखबार और चैनल 4 की खबर के मुताबिक ब्रिटिश अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि वर्ष 2007 में एनएसए ने ब्रिटेनवासियों के फोन, इंटरनेट और ई-मेल रिकॉर्ड को हासिल करने के बाद उनका विश्लेषण किया था।

पढ़ें: स्नोडेन को रूसी वेबसाइट में मिली नौकरी

अमेरिकी खुफिया एजेंसी द्वारा मित्र देशों को लेकर की गई जासूसी के संबंध में ताजा रहस्योद्घाटन अमेरिकी गोपनीय निगरानी कार्यक्रम को सार्वजनिक करने वाले स्नोडेन द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराए गए दस्तावेज से हुआ है। गार्जियन और चैनल 4 ने एनएसए के मई, 2007 के ज्ञापन का हवाला दिया जो नीति में बदलाव के तहत ब्रिटिश नागरिकों के इलेक्ट्रानिक रिकॉर्ड को रखने की अनुमति देता है। ज्ञापन में कहा गया कि ब्रिटिश संपर्क कार्यालय ने यहां पर एनएसए के वाशिंगटन कार्यालय के साथ मिलकर आंकड़ों के विश्लेषण को लेकर नया समझौता किया। यह समझौता अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड के बीच तथाकथित 'फाइव आइज' संधि के बावजूद हुआ, जिसके तहत इन देशों के प्रत्येक नागरिक को अन्य देशों की निगरानी से बचाने का प्रावधान है।

हालांकि इस रिपोर्ट पर अमेरिकी या ब्रिटिश अधिकारियों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। स्नोडेन ने फिलहाल रूस में शरण ले रखी है। अमेरिकी अधिकारी उन्हें वापस लाकर उनपर निगरानी कार्यक्रम को लीक करने के संबंध में मुकदमा चलाना चाहते हैं।

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