आइएस आतंकियों पर चौतरफा बरसे बम
इराक के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं। अमेरिकी सेना ने इरबिल और इराक के सबसे बड़े बांध मोसुल पर कब्जा जमाए बैठे आइएस आतंकियों पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें करीब 11 आतंकी मारे गए। अमेरिकी हमलों के साथ कुर्द लड़ाके मोसुल की तरफ बढ़ने लगे हैं। सीरिया में
By Edited By: Updated: Sun, 17 Aug 2014 10:14 PM (IST)
बगदाद। इराक के आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) पर चौतरफा हमले शुरू हो गए हैं। अमेरिकी सेना ने इरबिल और इराक के सबसे बड़े बांध मोसुल पर कब्जा जमाए बैठे आइएस आतंकियों पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें करीब 11 आतंकी मारे गए। अमेरिकी हमलों के साथ कुर्द लड़ाके मोसुल की तरफ बढ़ने लगे हैं। सीरिया में भी लड़ाकू विमानों ने आइएस के गढ़ और उनके कब्जे वाले दूसरे इलाकों पर बम बरसाए हैं। ब्रिटेन ने भी आइएस के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के संकेत दिए हैं।
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने रविवार को कहा कि इन हमलों के लिए लड़ाकू विमानों के अलावा ड्रोन की मदद भी ली गई। यह हमले मोसुल बांध को आतंकियों के कब्जे से छुड़ाने के प्रयास में लगी इराक और कुर्द सेना को सहायता देने के उद्देश्य से किए गए। इराकी सेना ने पहली बार कुर्द लड़ाकों के साथ हाथ मिलाया है। सेंट्रल कमांड ने कहा कि नौ हवाई हमलों में आतंकियों के चार वाहन, सात सशस्त्र वाहन, दो हम्वीस और एक बख्तरबंद गाड़ी नष्ट कर दी गई। पेंटागन ने कहा कि मोसुल बांध का सुरक्षित हाथों में होना जरूरी है। आइएस इसके जरिये बाढ़ ला सकता है। साथ ही इराक में पेयजल आपूर्ति को भी रोक सकता है। ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने इराक में सैन्य कार्रवाई की चेतावनी दी है। उन्होंने द संडे टेलीग्राफ में लिखा कि आइएस के आतंक को खत्म करने के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। वे अल्पसंख्यकों का कत्लेआम कर रहे हैं। हम इराक में शांति एवं स्थिरता के लिए सभी संसाधनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यजीदियों को कुर्द दे रहे हथियारों का प्रशिक्षण
कुर्द लड़ाकों ने यजीदी अल्पसंख्यकों को हथियारों का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। सैकड़ों यजीदी अपनी जान बचाने के लिए इस कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। इन्हें सीरिया में हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद वे आइस के खिलाफ लड़ने इराक जाएंगे। यजीदियों का जीना हुआ दूभर
आतंकियों के कहर के कारण विस्थापित यजीदी समुदाय के नागरिकों ने दोहुक शहर के बाहरी इलाके में शरण ली है। इनके मन में जान बचने की खुशी के साथ ही करीबियों के खोने का दर्द भी है। सिर्फ एक वक्त के भोजन और बिना किसी चिकित्सकीय सहायता के इनका जीवन दूभर हो गया है। यजीदी महिला हजिका ने कहा, 'इससे बेहतर होता कि हम अपने घर में मर गए होते।' दो हफ्तों में सीरिया में 700 की हत्यादमिश्क। इस्लामिक स्टेट ने पिछले दो हफ्तों में पूर्वी सीरिया के दीर अल जोर प्रांत में एक आदिवासी समुदाय के 700 सदस्यों की हत्या कर दी है। एक मानवाधिकार संगठन के मुताबिक, अल शितात समुदाय के मारे गए सदस्यों में ज्यादातर के सिर धड़ से अलग कर दिए गए। इस समुदाय के लोग लंबे समय से आतंकियों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। पढ़ें: इराक में आइएस पर अमेरिकी हमले शुरू पढ़ें: इस्लामिक स्टेट से धमकी नहीं मिली: रिजिजू