SCS पर हेेग कोर्ट का फैसला न मानना चीन के लिए हो सकता हैै नुकसानदेह: US
अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा कि दक्षिण चीन सागर पर इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को न मानना उसके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
वाशिंगटन (रॉयटर)। दक्षिण चीन सागर पर चीन द्वारा इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को न मानने के बयान पर आज अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। अमेरिका ने चेतावनी दी है कि बड़े देशों' की ओर से अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन नुकसानदेह हो सकता है। अमेरिका का कहना है कि इंटरनेशनल कोर्ट का फैसला सभी को मानना होगा और यही इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय भी होगा। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव के मुताबिक समुद्री कानून संधि पर चीन और फिलीपींंस दोनों ने हस्ताक्षर किए हैं इसलिए न्यायाधिकरण का फैसला मानने के लिए वह बाध्य हैं।
व्हाइट हाउस से जारी एक बयान में अमेरिका ने चीन को कोर्ट के फैसले के खिलाफ भड़काऊ एवं उत्तेजक टिप्पणियाेें के लिए भी चेताया है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका मानता है कि यह वक्त इन टिप्पणियों को करने का नहीं है, न ही संघर्ष की ओर बढ़ने का है। उन्होंने कहा कि यह समय दोनों देशों को आपस में बैठकर दक्षिण चीन सागर का शांतिपूर्ण और राजनयिक समाधान तलाशने का है। अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर के जरिए होने वाले अरबों डॉलर के वाणिज्य की रक्षा करना चाहता है। अमेरिका नहीं चाहता है कि दोनों देश अपने दावों को लेकर किसी भी तरह से युद्ध में उलझ जाएं।
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व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव ने इससे पूर्व कहा था कि हमारी आपस में जुड़ी दुनिया' की सफलता सुनिश्चित करने लिए कुछ नियमों का पालन किया जाना आवश्यक है। यदि बड़े देश इन नियमों का उल्लंघन करने और अपनी ताकत जताने की इच्छा रखते हैं तो यह नुकसानदेह हो सकता है। अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका एससीएस के दावेदारों में शामिल नहीं है और किसी विशेष दावे का समर्थन या विरोध नहीं करता, बल्कि अमेरिका ने प्रतिस्पर्धी दावे करने वालों से शांतिपूर्वक एवं कूटनीति के जरिए विवाद सुलझाने की मजबूत अपील की है।
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गौरतलब है कि द हेग स्थित मध्यस्थता अदालत ने मंगलवार को अपने फैसले में कहा कि था कि दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के पास कोई भी ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं है। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि इस पर चीन का दावा फिलीपींस केे अधिकारों और संप्रभुता का हनन है। चीन के पास इसका कोई कानूनी आधार नहीं है। इसके बाद चीन ने दक्षिण चीन सागर पर एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन (एडीआइजेड) घोषित करने की धमकी देकर कल एसएससी में तनाव बढ़ा दिया था। हेग कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद चीन ने इसको न मानने की बात कहकर इलाके में तनाव बढ़ा दिया था। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने साफ कहा कि वह इस निर्णय को स्वीकार नहीं करते हैं।
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