अमेरिका को भारत से संबंधों पर करना होगा फिर से विचार
दक्षिण एशिया मामलों के एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ स्टीफेन कोहेन ने कहा है कि यदि भारत में चुनाव के बाद भाजपा को जीत मिलती है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो अमेरिका को भारत के प्रति रुख को लेकर फिर से विचार करना पड़ सकता है।
By Edited By: Updated: Thu, 01 May 2014 03:17 AM (IST)
वाशिंगटन। दक्षिण एशिया मामलों के एक शीर्ष अमेरिकी विशेषज्ञ स्टीफेन कोहेन ने कहा है कि यदि भारत में चुनाव के बाद भाजपा को जीत मिलती है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो अमेरिका को भारत के प्रति रुख को लेकर फिर से विचार करना पड़ सकता है। फिलहाल अमेरिका ने भारत को प्राथमिकता वाले देशों की सूची से बाहर रखा है।
इंडिया प्रोजेक्ट एट ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन में विदेश नीति संबंधी सीनियर फेलो कोहेन ने मंगलवार को वाशिंगटन में भारत के चुनाव को लेकर एक चर्चा में कहा, 'मोदी और उनकी रणनीति के तहत भारत कुछ जोखिम वाले कदम उठा सकता है। वह कुछ खतरनाक और सकारात्मक कदम भी उठा सकता है। मेरा मानना है कि भारत के प्रति रुख को लेकर अमेरिकी नीति पर फिर से विचार करना होगा।' उन्होंने कहा, 'हमारे विचार से बड़ा परिवर्तन यह हो सकता है कि मोदी भारत की अर्थव्यवस्था में बदलाव ला दें। इससे उन्हें विदेश नीति को लेकर अधिक ताकत और लाभ मिल सकता है। इस संबंध में चीन, जापान और दक्षिण कोरिया मुख्य देश हैं। मोदी के इन तीनों देशों के साथ नजदीकी संबंध हैं, जबकि अमेरिका के साथ उनके संबंध खराब हैं।' कोहेन के मुताबिक मोदी भारत के प्रभाव को बढ़ाने के लिए पूर्वी एशिया और विशेषकर चीन के साथ आर्थिक संबंधों का प्रयोग कर सकते हैं। अमेरिकी कारोबार प्रतिनिधियों ने 2014 विशेष 301 रिपोर्ट में कहा है कि भारत 2014 के दौरान प्राथमिक निगरानी सूची में बना रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका नई दिल्ली की अगली सरकार के साथ इंट्लेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स को लागू करने और सुरक्षा को लेकर चर्चा करेगा।