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संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नए राजदूत को वीजा नहीं देगा अमेरिका

वाशिंगटन। अमेरिका ने दो टूक कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नए राजदूत हामिद अबुतलेबी को वीजा जारी नहीं करेगा, जिनकी 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति में संदिग्ध भूमिका थी। ह्वाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र व ईरान को सूचित कर दिया है कि हम अबुतल

By Edited By: Updated: Sat, 12 Apr 2014 04:36 PM (IST)

वाशिंगटन। अमेरिका ने दो टूक कहा है कि वह संयुक्त राष्ट्र में ईरान के नए राजदूत हामिद अबुतलेबी को वीजा जारी नहीं करेगा, जिनकी 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति में संदिग्ध भूमिका थी।

ह्वाइट हाउस के प्रेस सचिव जे कार्ने ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि हमने संयुक्त राष्ट्र व ईरान को सूचित कर दिया है कि हम अबुतलेबी को वीजा जारी नहीं करेंगे। उनकी यह टिप्पणी अमेरिकी संसद द्वारा अबुतलेबी को अमेरिका आने से रोकने के लिए आम सहमति से एक विधेयक पारित करने के बाद आई है। संयुक्त राष्ट्र के लिए चुने गए किसी विदेशी राजनयिक को वीजा न देने का यह पहला मामला है।

कार्ने ने कहा, 'जिस इरादे से विधेयक को पारित किया गया है, उससे हम सहमत हैं। हमने संयुक्त राष्ट्र और ईरान को पहले ही बता दिया है कि हम वीजा जारी नहीं करेंगे। हम विधेयक की समीक्षा करेंगे। हम इसकी उपयोगिता व संवैधानिकता से जुड़े हर मुद्दे पर काम करेंगे।' यह विधेयक 1990 के एक कानून का विस्तार है, जिसके लिए तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश ने चिंता जताते हुए हस्ताक्षरित बयान जारी किया था। संयुक्त राष्ट्र की मेजबान सरकार होने के नाते आम तौर पर अमेरिका कुछ अपवादों को छोड़कर उन राजनयिकों को वीजा जारी करता है, जो संयुक्त राष्ट्र में अपनी सेवाएं देते हैं।

गौरतलब है कि ईरान में 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के दौरान छात्रों ने तेहरान स्थित अमेरिकी दूतावास में कार्यरत 52 अमेरिकी राजनयिकों को 444 दिन तक बंधक बनाकर रखा था।

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