पाक से सिविल न्यूक्लियर डील करना चाहता है अमेरिका!
ओबामा प्रशासन पाकिस्तान के साथ 'असैन्य परमाणु करार' करना चाहता है। वाशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक इस महीने के अंतिम सप्ताह में होने वाली पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
वाशिंगटन । ओबामा प्रशासन पाकिस्तान के साथ 'असैन्य परमाणु करार' करना चाहता है। वाशिंगटन पोस्ट में छपे एक लेख के मुताबिक इस महीने के अंत में होने वाली पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है।
इस डील की बातचीत से जुड़े कूटनीतिक सूत्रों के मुताबिक यह समझौता ऐसा ही है, जैसा भारत और अमेरिका के बीच हुआ था। पाकिस्तान की ओर से हथियारों के निर्माण के लिए परमाणु विकास कार्यक्रम को नियंत्रित करना और भारत से रक्षा के नाम पर हथियरों की होड़ से दूर रहने की बात पर अमेरिका इस डील पर विचार कर रहा है।
इस समझौते के तहत पाकिस्तान सरकार निश्चित पहुंच वाली मिसाइलों की तैनाती भी नहीं कर सकेगा। रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की ओर से इस डील के बदले में भारत की ही तरह पाकिस्तान को भी 48 देशों की संधि वाले न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप (NSG) से अलग रहने की सहमति दे सकता है। ओबामा प्रशासन ने कहा कि हम पाकिस्तान की सरकार के साथ नियमित संपर्क में हैं। 22 अक्टूबर से शुरू होने वाले नवाज शरीफ के दौरे के वक्त जिन मुद्दों पर बात होनी है, उनका एजेंडा तैयार किया जा रहा है। इस मुद्दे पर अमेरिकी सरकार ने किसी तरह की जानकारी देने से इंकार किया है।
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बुश और वर्तमान में ओबामा की सरकार पाकिस्तान के साथ भारत सरीखा परमाणु करार करने की बात को यह कहकर नकारा है कि भारत के साथ यह करार पूरी तरह अलग है। परमाणु मामले में पाकिस्तान के रुख को देखते हुए अमेरिका इससे बचता रहा है।
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