अमेरिका ने चीन को दी दुष्परिणाम की चेतावनी
दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती को लेकर अमेरिका ने चीन को खतरनाक परिणामों की चेतावनी दी है। अमेरिका ने विवादित सागर में चीन के कदमों को आक्रामक ठहराया है।
सैन फ्रांसिस्को। दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती को लेकर अमेरिका ने चीन को खतरनाक परिणामों की चेतावनी दी है। अमेरिका ने विवादित सागर में चीन के कदमों को आक्रामक ठहराया है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में चीन ने सागर में बने एक कृत्रिम द्वीप में 200 किलोमीटर दूरी तक सतह से आकाश में मार करने में सक्षम मिसाइलों की तैनाती की है।
कॉमनवेल्थ क्लब में आयोजित कार्यक्रम में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश कार्टर ने कहा, चीन को दक्षिण चीन सागर में सैन्य तैनाती नहीं करनी चाहिए, इसके भविष्य में दुष्परिणाम सामने आ सकते हैं। चीन की इस तरह की कार्रवाई पूर्व में हुए समझौतों का उल्लंघन है। उसकी केवल खुद के लिए सोचने की प्रवृत्ति को दर्शाती है। कार्टर ने बताया कि एशिया-पैसीफिक क्षेत्र में अमेरिका अपनी सैन्य तैनाती बढ़ाने जा रहा है। इस पर वह सन 2020 तक 425 मिलियन डॉलर (2,871 करोड़ रुपये) खर्च करेगा। वह चीनी कार्रवाई से बेचैनी महसूस कर रहे देशों के साथ सैन्य अभ्यास करेगा और उन्हें प्रशिक्षण देगा।
पढ़ेंः आईएस के शीर्ष आतंकियों को खत्म करेगी अमेरिकी डेल्टा फोर्स
अमेरिका ने हाल के महीनों में दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में लगातार आवागमन बनाए रखा है। अमेरिकी नौसेना के अधिकारियों के अनुसार अब उसकी गतिविधियां वहां पर और बढ़ने वाली हैं। कार्टर ने बताया कि सन 2017 तक अमेरिका वहां के लिए आठ अरब डॉलर (54,000 करोड़ रुपये) के व्यय से शक्तिशाली सबमैरीन का बेड़ा और ड्रोन फ्लीट भी तैयार करेगा। कार्टर ने कहा कि अमेरिका पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए सक्षम है। इसमें दक्षिण चीन सागर का वह इलाका भी आता है जहां से होकर दुनिया का 30 प्रतिशत व्यापार का आवागमन होता है। कार्टर ने कहा कि चीन और रूस को साइबर अपराधों की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। अमेरिका इस तरह के अपराधों की रोकथाम के लिए आने वाले पांच वर्षों मे 35 अरब डॉलर (2,36400 करोड़ रुपये) खर्च करेगा।
चीन, रूस नष्ट करना चाहते हैं अमेरिकी सेटेलाइट
इंटरनेट की स्वतंत्रता में बाधा डालने वाले देशों की ओर इशारा करते हुए अमेरिकी रक्षा मंत्री ने कहा, हमारी किसी देश के साथ विवाद खड़ा करने की इच्छा नहीं है लेकिन उनके उद्देश्यों को लेकर हम दृष्टिहीन भी नहीं बन सकते। कार्टर ने रूस और चीन के सेटेलाइट निरोधी हथियार बनाने के प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि वे इससे अमेरिका के महत्वपूर्ण सिक्युरिटी सेटेलाइट नष्ट करना चाहते हैं। इन प्रयासों की खिल्ली उड़ाते हुए कार्टर ने कहा कि 2007 में चीन ने इस तरह का प्रयास किया लेकिन उसका यह प्रयोग खुद ही तीन हजार टुकड़ों में तब्दील हो गया।
पढ़ेंः Super Tuesday: क्लिंटन की सात राज्यों में तो ट्रंप की छह में जीत