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रियल लाइफ में बने टार्जन, बच्‍चे को बचाने के लिए जंगल में बिता दिए 41 वर्ष

अपने दो वर्ष के बच्‍चे को बचाने के लिए थान जंगल में भाग गए। लेकिन जब जंगल से निकले तो दो वर्ष का वह बच्‍चा 41 वर्ष का हो चुका था। वह खुद 85 वर्ष के थे।

By Kamal VermaEdited By: Updated: Sat, 09 Jul 2016 04:52 PM (IST)
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हनोई। वियतनाम युद्ध में अपने बच्चे को बचाने के लिए एक बाप ने जंगल का रुख किया तो वहां से निकलने में उसे चालीस साल लग गए। जब लोगों को उसका पता चला और उसेे वहां से बाहर लाने का प्रयास किया गया तो जिस दो वर्ष के बच्चे को लेकर वह जंगल में गया था वह भी 41 वर्ष का हो चुका था, जबकि अब उसके पिता की उम्र अब 85 वर्ष हो गई है। इस लंबे वक्त में एक बार जंगल की शरण लेने के बाद फिर उसने कभी शहर या अपने गांव की ओर जाने की नहीं सोची।

दरअसल वियतनाम युद्ध में उसने अपनी पत्नी और दो बच्चों को खो दिया था। इस घटना का उसके दिल और दिमाग पर गहरा असर हुआ और अपने एकमात्र बच्चे को बचाने के लिए उसने यह कदम उठाया। कुआंग निगाई जिले के अंतर्गत आने वाले तेत्रा जंगल में रहते हुए इन दोनों ने अपने को उसी के अनुसार ही ढ़ाल भी लिया और ये रियल लाइफ में टार्जन बन गए।

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जंगल में की जिंदगी की नई शुरुआत

44 साल के हो वेन लांग और उनके पिता हो वेन थान ने यहां रहते हुए पेड़ की छाल और पत्तियों से बने कपड़े पहने और यहां पर उगने वाले फल खाए। डेली मेल की खबर के मुताबिक वर्ष 2013 में उनके बारे में दुनिया को पहली बार पता चला। 41 वर्षों तक लांग और थान ने किसी इंसान को भी नहीं देखा। यहां पर उन्होंने अपनी जिंदगी की नई शुरुआत की। थान ने यहां पर एक झोपड़ी भी बना ली थी। जैसे-जैसे वक्त गुजरा लांग भी अपने पिता के साथ जंगल में शिकार करने लगे। लांग और उनके पिता जंगल में शिकार करते, फल तोड़ते और मक्के की खेती करते थे। दोनों ही पेड़ की छाल को कपड़े की तरह पहना करते थे।

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पहली बार 2013 में दुनिया के सामने आए

वर्ष 2013 में जंगल में अाए कुछ पर्यटकों की नजर पहली बार इन दोनों पर गई। पहली नजर में इन लोगों की हरकतें पर्यटकों को कुछ अजीब सी दिखाई दीं। इसके बाद ही पर्यटकों ने इसकी जानकारी वहां के प्रशासन को दी और लांग और थान की कहानी दुनिया के सामने आ सकी। बाद में प्रशासन ने उन्हें जंगल से बाहर कुछ दूरी पर बसाया। डेली मेल के मुताबिक हाल ही में लांग एक फोटोग्राफर अलवेरो सेरेजो के साथ जंगल में उसी जगह पर लौटे जहां उन्होंने 41 वर्ष गुजारे थे।

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अपने इस अनूठे अनुभव को अलवेरो ने अपने अपने ब्लॉग में भी लिखा। अलवेरो ने लिखा कि लांग उस जगह वापस जाने को लेकर काफी एक्साइटेड थे। वह एक बार में ही वापस अपनी उस दुनिया के बारे में बताने और वहां जाने के लिए तैयार भी हो गए थे। वहां पहुंचकर लांग काफी देर तक उस जगह को निहारते रहे जहां उन्होंने अपनी जिंदगी के बेशकिमती वर्ष गुजारे थे।