दक्षिण चीन सागर पर भारत के साथ वियतनाम
उल्लेखनीय है कि दक्षिण चीन सागर में क्षेत्राधिकार को लेकर चीन का फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया और ब्रूनेई से विवाद है।
By Atul GuptaEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2016 09:22 PM (IST)
हनोई, प्रेट्र । विवादास्पद दक्षिण चीन सागर (एससीएस) पर वियतनाम के वरिष्ठ नेताओं ने भारत की स्थिति का जोरदार समर्थन किया है। साथ ही दोनों देशों के बीच समग्र रणनीतिक साझेदारी के तहत वियतनाम ने भारत से तेल और गैस के क्षेत्रों में साझेदारी की अपील की है। वियतनाम का दो दिवसीय पूरा होने के बाद शनिवार रात को मोदी चीन पहुंच गए। रविवार से शुरू जी-20 की बैठक में वह शामिल होंगे।
सूत्रों का कहना है कि साम्यवादी देश वियतनाम में कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रांग ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया कि दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर भारत के रुख से वियतनाम पूरी तरह से सहमत है। उन्होंने मोदी से कहा कि क्षेत्रीय और बहुआयामी मुद्दों पर हमें अपना तालमेल और बेहतर करना चाहिए। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा कि भारत और वियतनाम को मिलकर क्षेत्रीय चुनौतियों का सामना करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि दक्षिण चीन सागर में क्षेत्राधिकार को लेकर चीन का फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान, मलेशिया और ब्रूनेई से विवाद है। इस व्यस्त जलमार्ग से भारत का 50 फीसद कारोबार गुजरता है। लिहाजा, भारत मानता है कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए इन सभी देशों को शांतिपूर्ण तरीके से यह विवाद सुलझा लेना चाहिए। वियतनामी नेता ट्रांग ने 2010 और 2013 की भारत यात्रा की याद दिलाते हुए कहा कि उन्हें बहुत ही अच्छा अनुभव हुआ था। उन्होंने मोदी को सैन्य सहायता और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग के लिए भी धन्यवाद दिया। वहीं, पीएम मोदी ने कहा कि पूरा इतिहास गवाह है कि वियतनाम हमेशा से भारत के साथ रहा है। दो हजार साल से भी पहले से कायम संबंधों का इस तरह बने रहना दुर्लभ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति भवन में वियतनाम के राष्ट्रपति त्रन दई क्वांग से भी मुलाकात की। राष्ट्रपति क्वांग ने मोदी से कहा कि दोनों देशों की साझेदारी से क्षेत्र में शांति, विकास और सुरक्षा बढ़ेगी। पूर्व को तवज्जो देने की नीति के तहत वियतनाम भारत की वरीयता में है। लिहाजा प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के रक्षा और सुरक्षा संबंधों की प्रशंसा की। राष्ट्रपति क्वांग ने कहा कि वियतनाम भारत की पूर्व के देशों को तवज्जो देने का पूरा समर्थन करता है। उन्होंने दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के सामाजिक-आर्थिक विकास को लगातार समर्थन देने के लिए भारत को धन्यवाद दिया। उन्होंने दोनों देशों के कूटनीतिक संबंधों की आनेवाली 45वीं वर्षगांठ का स्वागत किया। इससे पूर्व दिन में प्रधानमंत्री मोदी ने ऐतिहासिक बौद्ध पेगोड़ा मंदिर की यात्रा की। मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हिंसा को खत्म करने की चाह रखने वाले और बुद्ध के शांति के मार्ग को अपनाने वाले लोगों के लिए वियतनाम एक प्रेरणा का स्रोत है। बौद्ध धर्म भारत से अपने शुद्धतम रूप में वियतनाम पहुंचा था। उन्होंने बौद्ध भिक्षुओं को भारत आने का न्योता दिया। विशेषकर उन्हें अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी बुलाया है। उन्होंने वियतनामी नेता हूचिन मिन के पुराने घर की भी यात्रा की।