पृथ्वी से अरबों मील दूर ग्रह पर मिली पानी की बूंदें
वाशिंगटन। शोधकर्ताओं ने गहरे अंतरिक्ष में पृथ्वी से 729 खरब मील दूर स्थित एक ग्रह के वायुमंडल में पानी की बूंदे मिली हैं। यह ग्रह पृथ्वी से चार गुना बड़ा है। हालांकि यह ग्रह गर्म गैसों के गोले के सिवाय कुछ नहीं है। ऐसे में पानी की मौजूदगी के बावजूद इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है। 'एचएटी पी-11बी' हमारे सौर प्रणाली से बाहर अब तक खोजा गया
By Edited By: Updated: Thu, 25 Sep 2014 09:24 PM (IST)
वाशिंगटन। शोधकर्ताओं ने गहरे अंतरिक्ष में पृथ्वी से 729 खरब मील दूर स्थित एक ग्रह के वायुमंडल में पानी की बूंदे मिली हैं। यह ग्रह पृथ्वी से चार गुना बड़ा है। हालांकि यह ग्रह गर्म गैसों के गोले के सिवाय कुछ नहीं है। ऐसे में पानी की मौजूदगी के बावजूद इस ग्रह पर जीवन संभव नहीं है।
'एचएटी पी-11बी' हमारे सौर प्रणाली से बाहर अब तक खोजा गया सबसे छोटा ग्रह है। बादलों से घिरे होने के कारण ज्यादातर ग्रहों का अध्ययन मुश्किल होता है, लेकिन अब तक इस आकार के ग्रहों को बादल घेरे रहते थे जिसके कारण टेलीस्कोप उनके पार देख नहीं पाते थे लेकिन एचएटी पी-11बी का आकाश बिल्कुल साफ है। यह रिपोर्ट जर्नल नेचर रिसर्चर में प्रकाशित हुई है। सिर्फ गैसों का पिंड, जमीन नहीं एक हजार डिग्री सेल्सियस तापमान के बीच वहां जीवन की कल्पना मुश्किल है। यूनिवर्सिटी ऑफ मेरीलैंड में खगोल विज्ञान के पीएचडी के छात्र व इस शोधपत्र के प्रमुख लेखक जोनाथन फ्रेने ने कहा, यहां पानी तरल अवस्था में मौजूद नहीं है और न ही हवा सांस लेने लायक है। वास्तव में यह ग्रह गैसों का गोला है। यहां कोई जमीन नहीं है जिसपर पानी की बूंदें गिर सकें। जीवन की संभावनाएं कैसे खोजते हैं खगोलविद
जब कोई ग्रह अपने सूरज के सामने से गुजरता है तो प्रकाश ग्रहण करता है और आकार में बड़ा दिखाई देने लगता है। खगोलविद उस ग्रह के आकार में आए परिवर्तन की गणना करते हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि सूरज की कितने किरणों का अवशोषित किया गया है। साथ ही यह भी पता लगाया जाता है कि ग्रह के वायुमंडल में मौजूद कौन सा तत्व प्रकाश को रोक रहा है। शोधकर्ता इसे बृहस्पति जैसे बड़े ग्रहों पर आजमा चुके हैं और एचएटी पी-11बी पर यह तकनीक भ्रामक साबित हुई है। फ्रेने ने बताया, हमें ऐसे 20 ग्रह और खोजने होंगे। हम हबल स्पेस टेलीस्कोप की मदद से इससे मिलते जुलते 50 अन्य ग्रहों का अध्ययन करेंगे। पढ़ें: मिशन मंगल में भारत ने चीन को पछाड़ा