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स्‍कार्पीन डाटा लीक: जांच के लिए गठित हुई नौसेना की उच्‍चस्‍तरीय कमेटी

स्‍कार्पीन डाटा लीक मामले को गंभीरतापूर्वक लेते हुए अब भारतीय नौसेना आगे आयी है और मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया।

By Monika minalEdited By: Updated: Mon, 29 Aug 2016 12:17 PM (IST)
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नई दिल्ली। स्कॉर्पीन सबमरीन से जुड़े हजारों पेज के डाटा लीक होने से चिंतित भारतीय नौसेना अब आगे आयी है। नेवी चीफ ने इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया है साथ ही इस सबमरीन को बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी को भी मामले की जांच के आदेश दिए।

नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा ने कहा, ‘स्कार्पीन डाटा लीक मामले को गंभीरता से देखा है, हमने डीसीएनस से तुरंत इस मामले में जांच शुरू करने को कहा है।‘ उन्होंने बताया, इस मामले की जांच के लिए हमने अपनी उच्चस्तरीय कमेटी बनायी है। कमेटी की रिपोर्ट के बाद हम यह निर्णय लेंगे कि क्या आवश्यक कार्रवाई की जाए।

सबमरीन स्कॉर्पीन का निर्माण करने वाली फ्रांसीसी कंपनी डीसीएनएस ने 'द आस्ट्रेलियन' अखबार के खिलाफ आस्ट्रेलिया के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जिसमें दस्तावेज को प्रकाशित करने पर रोक की गुहार लगाई है। इसने अदालत से अनुरोध किया है कि वह अखबार के पास उपलब्ध अप्रकाशित दस्तावेज उसे सौंपने का आदेश दे। इसके अलावा इसने अखबार की वेबसाइट से दस्तावेज हटाने का आदेश देने का भी अनुरोध किया है।

नौसेना इसे अक्टूबर में अपने बेड़े में शामिल करने वाली है। द ऑस्ट्रेलियन समाचार पत्र में प्रकाशित रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि सबमरीन की क्षमता, कॉम्बैट सिस्टम और पानी के अंदर इसके काम करने के तरीके से संबंधित जानकारी के 22,400 से अधिक पेज इस सबमरीन को बनाने वाली फ्रांस की कंपनी DCNS से लीक होने के बाद कई कंपनियों के पास पहुंच गए हैं।

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